नई दिल्ली: वैसे तो आज के युग में गर्भ निरोध के कई सरल और सस्ते उपाय उपलब्ध हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि जब यह गर्भ निरोधक उपाय जैसे की- कॉन्डोम, गर्भ निरोधक गोलीयां या नसबंधी नही होते थे तब लोग क्या करते होंगे?
आपने यह तो सुना होगा की हर महत्वपूर्ण ख़ोज के पीछे असफलता, पीड़ा और कभी-कभी मूर्खता भी शामिल होती है। इस मामले में भी ठीक ऐसा ही है। आइये जानते हैं हमारे पूर्वजों ने गर्भ निरोध के आधुनिक तरीक़े खोजने से पहले, किस तरह के उट पटांग तरीक़े अपनाए हुए हैं।
शुरूआती समय में ग्रीनलैंड निवासी मानते थे कि महिलाएं चाँद की वजह से गर्भवती हो जाती हैं इसलिये महिलाएं चाँद की तरफ़ पीठ करके सोती थीं और अपनी नाभि पर थूक लगा लेती थीं।
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चीन में महिलाओं को गर्भ निरोध के लिए खाली पेट, तेल और पारा (मरक्युरी) का घोल पिलाया जाता था। हालांकि पारा शरीर के लिए ज़हर होता है और इसके सेवन से बाँझपन होने का ख़तरा होता है।