बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की एक और लापरवाही सामने आने आई है. विद्यालय परिक्षा समिति ने बिहार की सरहसा की प्रियंका सिंह को गलत तरीके से फेल कर दिया है. हाई कोर्ट ने इस लड़की को गलत तरीके से फेल करने पर बिहार बोर्ड पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है. ये राशि प्रियंका सिंह को बिहार बोर्ड देगा.कांग्रेस ने PM मोदी की यात्राओं पर फोड़ा बम, पूछा- यात्रा का किसने और क्यों किया भुगतान?
ये मामला 2017 के मैट्रिक की परीक्षा का है, जिसमें 10वीं की परीक्षार्थी प्रियंका सिंह को परीक्षाफल में फेल घोषित किया गया है. प्रियंका को विज्ञान में 29 अंक और संस्कृत में महज 4 अंक मिले. प्रियंका सिंह ने पुनर्मूल्यांकन के लिए चैलेंज किया, लेकिन पुनर्मूल्यांकन में भी वही स्थिति रही. उसे विज्ञान में इस बार 7 और संस्कृत में 9 अंक मिले.
प्रियंका ने न्याय के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने पहली सुनवाई में कहा कि अगर छात्रा का आरोप गलत हुआ तो 40 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगेगा. कोर्ट के इस शर्त पर छात्रा तैयार हो गई. कोर्ट के आदेश पर उसने 40 हज़ार जमा कर दिए.
कोर्ट के आदेश पर जब याचिकाकर्ता की कॉपी कोर्ट में पेश की गईं, तो कापी में हैंडराइटिंग अलग पाई गईं. दरअसल वो कॉपी याचिकाकर्ता की थी ही नहीं. अदालत के सख्त निर्देश पर जब मूल कॉपी पेश की गई तो उसकी जांच हुई. छात्रा को विज्ञान में 80 और संस्कृत में 61 अंक मिले. इस पर कोर्ट ने बिहार विद्यालय समिति पर पांच लाख का जुर्माना लगाया है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अधिकारियों के मुताबिक गलत बार कोडिंग की वजह से ये गड़बड़ी हुईं. प्रियंका सिंह की कोडिंग किसी दुसरी छात्रा के नाम हुई थी. बोर्ड ने बार कोडिंग करने वाले एजेंसी पर एफआईआर दर्ज करा कर सारा ठीकरा उसी पर फोड़ दिया.
पिछले दो सालों से बिहार बोर्ड गलत कारणों से चर्चा में है. 2016 में इंटर टॉपर घोटाला और 2017 में इंटर ऐज घोटाला जिसमे 42 साल के गणेश कुमार को टॉपर घोषित करने पर हंगामा हुआ था. अब बोर्ड की गलती से एक छात्रा के साथ 10वी की परीक्षा में ये भयंकर भूल. इसलिये पटना हाई कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को 5 लाख का हर्ज़ाना छात्रा प्रियंका सिंह को देने का आदेश दिया है।