यूपी विधानसभा में विस्फोटक सामगी मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने शुक्रवार को सदन में कहा कि यह आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकती है।बड़ी खबर: सबसे बड़ा राज! खुला अमेरिकी संसद में मोदी के अंग्रेजी भाषण का राज, सट्टे में आया पूरा देश
उन्होंने कहा कि सदन में विधायक, मार्शल, विधानसभा के कर्मी को छोड़कर कोई और नहीं आ सकता। इसके बावजूद विस्फोटक मिला। सवाल ये है कि वे कौन लोग हैं जो विस्फोटक लेकर आए। इसका पर्दाफाश होना चाहिए। क्या जनप्रतिनिधियों को विशेष प्रावधान के नाम पर सुरक्षा की छूट दे देंगे?
क्या किसी एक को छूट दी जा सकती है कि वह विधानसभा व विधानपरिषद के 503 सदस्यों की सुरक्षा की चुनौती खड़ी करे? मुख्यमंत्री फोरेसिंक जांच में विधानभवन के भीतर मिली सामग्री के खतरनाक विस्फोटक पेंटाएरिथ्रोटॉल टेट्रानाइट्रेट (पीईटीएन) होने की पुष्टि किए जाने के बाद शुक्रवार को विधानसभा में वक्तव्य दे रहे थे।
सीएम योगी ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले की एनआईए से जांच कराने का आग्रह किया और इस तरह की शरारत करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत बताई। तब विस अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने एनआईए से जांच कराने का एलान किया। शुक्रवार शाम को एनआईए की टीम जांच के लिए लखनऊ पहुंच गई। साथ ही सुरक्षा से जुड़े कई सख्त उपायों की घोषणा की। सीएम के वक्तव्य व विस अध्यक्ष के फैसले का सत्ता पक्ष व विपक्ष ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।
यह 22 करोड़ लोगों की भावनाओं व सुरक्षा से खिलवाड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। इस पर रोक लगनी चाहिए। हम बाहर की सुरक्षा पर चिंतित थे, चर्चा कर रहे थे। तब सदन के भीतर की यह स्थिति और गंभीर हो जाती है। यह 22 करोड़ लोगों की भावनाओं, सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए प्रकरण की एनआईए से जांच होनी चाहिए और चुनौती देने वालों को सामने लाना चाहिए। सुरक्षा के कड़े निर्देश जारी होने चाहिए। किसी को खुश करने के लिए, किसी की तुष्टि के लिए जनप्रतिनिधि, कर्मचारियों की सुरक्षा से छूट नहीं दी जा सकती।
सुरक्षा सिर्फ सरकार की ही नहीं, सभी की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी विधानसभा देश की सबसे बड़ी विधानसभा है। पूरा देश इसकी कार्यप्रणाली पर नजर गड़ाए रहता है। उसे लगता है कि देश केसबसे बड़े लोकतंत्र में कुछ नयापना, कुछ अच्छा देखने-सुनने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यह केवल सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है। सबकी सहमति से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। दो-तीन दिन से जो स्थितियां पैदा हुई हैं, वह सामने हैं।
सदन में पहले ही दिन चेता दिया था
योगी ने कहा कि उन्होंने पहले ही दिन सदन में देखा कि कई-कई फोटाग्राफर एक साथ घुस रहे थे। तभी सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता से अवगत कराया। सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए। तब पहले से चल रही कुछ व्यवस्था बदली।