
यूपी चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को ‘विभीषणों’ से भी लड़नी होगी जंग
सभी दलों की स्टार प्रचारकों की सूची में कोई न कोई ऐसा चेहरा जरूर शामिल है। महात्मा गांधी की रीतिनीति व सिद्धांत पर चलने का दावा करने वाली कांग्रेस और विचार व सिद्धांत पर आधारित राजनीति का दावा करने वाली भाजपा भी इससे अलग नहीं हैं।
दोनों को अपनी रीतिनीति और बात को जनता तक पहुंचाने के लिए दागियों व बाहरियों का सहारा लेना पड़ा है।पार्टी के स्टार प्रचारकों में बलरामपुर के पूर्व सांसद व दबंग छवि के रिजवान जहीर और बसपा के पूर्व सांसद बृजलाल खाबड़ी का नाम है।
रिजवान पर आपराधिक मामले भी दर्ज रहे हैं। दोनों ही लोग पिछले वर्ष ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। रिजवान जहीर पहले सपा फिर बसपा में रहे। खाबड़ी तो बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं।
जाहिर है कि वे राजनीति शुरू करने के साथ ही बसपा की रीतिनीति व सिद्धांत पढ़ते व पढ़ाते रहे हैं। पर, अब ये दोनों लोग जनता को कांग्रेस के सिद्धांत समझाएंगे और पार्टी के लिए वोट मांगेंगे।
कभी चलता था सिक्का, अब अपने ही घर में ‘पराए’ हो गए शिवपाल
दोनों ही लोग पिछले वर्ष ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। रिजवान जहीर पहले सपा फिर बसपा में रहे। खाबड़ी तो बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं। जाहिर है कि वे राजनीति शुरू करने के साथ ही बसपा की रीतिनीति व सिद्धांत पढ़ते व पढ़ाते रहे हैं।
पर, अब ये दोनों लोग जनता को कांग्रेस के सिद्धांत समझाएंगे और पार्टी के लिए वोट मांगेंगे।दीनदयाल उपाध्याय व अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा को अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए बहू की हत्या में जेल जा चुके और इसी महीने पार्टी में शामिल हुए नरेन्द्र कश्यप का सहारा लेना पड़ा है।
लालकृष्ण आडवाणी जनसंघ व भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे लेकिन पार्टी को जनता तक बात पहुंचाने की क्षमता स्वामी प्रसाद मौर्य में नजर आई है। डॉ. मुरली मनोहर जोशी भले ही प्रोफेसर रहे हों, लोग विद्वान मानते हों लेकिन जनता को रिझाने के लिए नेतृत्व ने पिछले वर्ष बसपा से भाजपा में शामिल पूर्व एमएलसी अन्जान से चेहरे लोकेश प्रजापति पर भरोसा जताया है।
बसपा ने तो प्रचारकों में भी परिवारवाद की परंपरा का सृजन कर दिया और नेताओं के साथ उनके पुत्रों को भी जगह दे दी गई। उदाहरण के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र के समधी गोपाल नारायण मिश्र को तो बसपा ने स्टार प्रचारक बनाया ही है।
साथ ही उनके बेटे परेश मिश्र के कंधों पर भी कांशीराम की बात को लोगों के समझाने की जिम्मेदारी डाल दी है। इसी तरह नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ उनके बेटे अफजल भी पार्टी के स्टार प्रचारक हैं।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features