महेश कुमार (ड्राइवर का बदला हुआ नाम) ने बताया कि नोटबंदी के बाद एक एजेंट ने उससे अपने अकाउंट में अवैध पैसे जमा करने के लिए कहा था। एजेंट ने उसके परिवार के पांच सदस्यों सहित उसका पासबुक भी ले लिया था। ऐसी स्थिति में अगर वह चाहे भी तो वो नहीं कर सकता जो पीएम ने कहा है।
ड्राइवर ने बताया कि उस दबंग एजेंट ने मेरे और मेरे परिवार वालों के सिग्नचर भी विद्ड्रॉ स्लिप पर ले लिए थे। वहीं, एक दूसरे ड्राइवर ने बताया कि अगर हम ऐसा न करें तो हमें इस इलाके में कोई भी नौकरी नहीं देगा। इतना ही नहीं, ट्रांसपोटर ने 50 से 90 हजार रुपये तक की रकम इन जनधन खातों में जमा कराई थी। लेकिन इस सब के खिलाफ आवाज उठाने की हमारी हिम्मत नहीं है क्योंकि हमें अपनी नौकरी बचानी है जो कि इन पैसों से ज्यादा जरूरी है।
पीएम मोदी का जनधन ऑफर रास नहीं आया भोलेभाले गांववालों
मुरादाबाद में चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी का जनधन अकाउंट में आए पैसे को न निकालने का आग्रह गांववालों को रास नहीं आया। ग्रामीणों ने बताया कि पीएम की इस सलाह का जमीनी हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।
एक ट्रक ड्राइवर ने बताया, ‘भले ही प्रधानमंत्री कहना सही हो, लेकिन सच्चाई यह है कि एक जनधन खाता धारक जिसका अकाउंट किसी और द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा हो, वह खाते में आए पैसे को रख सकता है लेकिन लौटाना बर्दाश्त नहीं कर सकता।
बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरादाबाद में परिवर्तन रैली को संबोधित किया था। जहां उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद गरीबों के जनधन खाते में अपना पैसा जमा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। गरीब के खाते में जो पैसा डाला जा रहा है वह गरीब का हो जाएगा। साथ ही पीएम ने अपील की कि जिन गरीबों के जनधन खातों में पैसे आ गए हैं वे उनमें से निकाले नहीं.