गाजियाबाद: कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की मंजूरी मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी..

गाजियाबाद में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने का नोटिफिकेशन शनिवार को जारी कर दिया गया। जल्द ही जिले में पुलिस कमिश्नर समेत नए पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति भी की जाएगी। इसके बाद जनपद को तीन जोन में बांटते हुए नौ से दस आईपीएस अधिकारी तैनात कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही वर्तमान में तैनात पुलिस बल से अधिक की तैनाती हो सकेगी। इससे कानून-व्यवस्था में बेहतर सुधार हो सकेगा। लखनऊ में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में गाजियाबाद में कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने के बाद शनिवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इसका नोटिफिकेशन जारी करते ही अब कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। नोटिफिकेशन के बाद पुलिस को लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ी 14 पावर मिल गई हैं। माना जा रहा है कि जिले में एक दो दिन में ही आईपीएस अधिकारियों की नियुक्त कर दी जाएगी। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल भी मिल जाएगा। बताया जा रहा है कि नई व्यवस्था में गाजियाबाद को तीन जोन में बांटा जाएगा। शहर, ट्रांसहिंडन और लोनी-मोदीनगर जोन में बांटने के बाद इसे नौ सेक्टर में विभाजित किया जाएगा। साथ ही वर्तमान फोर्स से अधिक पुलिस बल भी मिल जाएंगे। नई कमिश्नरेट में सबसे कम थाने गाजियाबाद में 23 हैं। इसके अलावा प्रयागराज 41 और आगरा में 44 थाने हैं। हालांकि, गाजियाबाद में नए अधिकारियों की नियुक्ति के साथ साथ तीन नए थानों को भी जल्द शुरू किया जा सकता है, जिसमें नीति खंड, अंकुर विहार और शालीमार गार्डन थाना शामिल हैं। हालांकि, इस बारे में नए अधिकारियों की नियुक्त के बाद ही पूरी स्थिति साफ हो सकती है। इन अधिनियमों में मिली शक्तियां ●यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम 1970 ●विष अधिनियम 1919 ●अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 ●पुलिस (द्रोह-उद्दीपन) अधिनियम 1922 ●पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 ●विस्फोटक अधिनयम 1884 ●कारागार अधिनियम 1894 ●शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 ●विदेशियों विषयक अधिनियम 1946 ●विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 ●पुलिस अधिनियम 1861 प्रमुख सचिव गृह ने जारी की अधिसूचना प्रदेश के तीन जिलों आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई। इसके तहत आगरा के 44, प्रयागराज के 41 व गाजियाबाद जिले के सभी 22 थाने महानगरीय क्षेत्र में शामिल कर दिए गए हैं। पुलिस के अफसरों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान कर दी गई हैं। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने डीजीपी को पत्र भेजकर तीनों पुलिस कमिश्नरेट के संबंध में जारी अधिसूचना से अवगत होते हुए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। जिले में अपराध कम होने की संभावना कमिश्नरेट प्रणाली मेंअधिकारियों की नियुक्त होने के बाद अपराध कम होने की संभावना है। माना जा रहा है कि जिस तरह गौतमबुद्धनगर में अपराध का आंकड़ा तेजी से गिरा है। उसी तरह गाजियाबाद में भी अपराध कम हो जाएगा। हालांकि वर्तमान में तो गाजियाबाद में अपराधियों के हौंसले बुलंद है। मुख्यमंत्री जिस दिन गाजियाबाद में थे, उस दिन भी पुलिस आपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही थी। इसी को देखते हुए लोग भी कमिश्नरेट प्रणाली का स्वागत कर रहे हैं।
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