बता दें कि शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में पीएम मोदी, वित्तमंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर तीखी टिप्पणी की थी। एक कार्यक्रम में शत्रुघ्न ने कहा कि अगर एक वकील वित्तिय मामलों पर बोल सकता है, टीवी एक्ट्रेस एचआरडी मंत्री बन सकती है और एक चायवाला बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकता है तो हम नोटबंदी और जीएसटी पर क्यों नहीं बोल सकते?
दरअसल, शत्रुघ्न समय-समय पर जीएसटी और नोटबंदी का विरोध करते रहे हैं। लिटरेरी फेस्टिवल के पहले दिन शत्रुघ्न ने कहा था कि नोटबंदी से बहुत दिक्कतें हुईं, कारखाने बंद हुए, उत्पादन कम हुए, युवाओं का रोजगार चला गया। बहुत सारे लोग बेरोजगार हो गए, त्राहिमाम की स्थिति हो गई। ऐसा मुझे ही नहीं, बहुत सारे लोगों को लगा और मैं इसे छुपाकर नहीं कह सकता।
भाजपा सांसद ने कहा, मैं सिद्धांतों के साथ चलता हूं। सच्चाई से समझौता नहीं करता। भले ही इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े। मुझे लगता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को राष्ट्रपति बनाया जाना चाहिए था। उनसे कम से कम इसके लिए कहा तो जाता ही, भले ही वे मना कर देते।