गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशें भी दिखने लगी हैं. यहां अहमदाबाद के पालडी इलाके में मुस्लिम मकानों पर लाल और पीले रंग का क्रॉस लगा पाया गया.
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इससे पहले इसी इलाके में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण वाले पोस्टर भी देखे गए थे. उन पोस्टरों में लिखा गया था- पालडी को जुहापुरा बनने से बचाएं. बता दें कि जुहापुरा गुजरात का मुस्लिम बाहुल्य इलाका है जबकि पालडी में हिंदू-मुसलमान लंबे अरसे से साथ-साथ रह रहे हैं.
अपने घरों के बाहर लगे इस निशान को देखकर वहां के लोग भयभीत हैं और सांप्रदायिक तनाव भंड़काने की आशंका जता रहे हैं. इन लोगों ने चुनाव आयोग और पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने की मांग की है. इस पत्र में उन्होंने आशंका जताई कि निशान लगाने का मकसद मुस्लिम इलाकों की पहचान करना है, जिससे उन्हें निशाना बनाया जा सके.
ऐसे ही निशान मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर जफर सरेसवाला के घर पर भी लगे मिले. इसे लेकर जब सरेशवाला से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘मोदी साहब सबका साथ, सबका विकास की बात कर रहे हैं. इस तरह की नफरत फैलाने वाली मुहिम 2002 के चुनाव के दौरान भी नहीं हुए थे. क्या हमें यह विश्वास करना चाहिए कि यह बीजेपी मोदी के साथ नहीं है?’
वहीं पालडी में दिखे इन निशानों की खबर सामने के बाद प्रशासन हरकत में आया और इन निशानों के ऊपर चूना पोताई की गई. हालांकि इसे लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से भी कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिल पाया. नगर निगम के अधिकारियों के अधिकारियों की मानें तो ये निशान सफाई अभियान के तहत लगाए गए हैं, जबकि नगर आयुक्त मुकेश कुमार का कहना है कि ये निशान निगम कर्मचारियों द्वारा लगाए गए निशान से अलग हैं. इस बीच अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर एके सिंह ने कहा है कि उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
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