भारी बारिश से पिछले दो साल में शहर में बनी करीब पांच सौ करोड़ रुपये की सड़कें बह गईं। महानगरपालिका की जांच में पता चला है कि अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने सड़क निर्माण में घटिया सामग्री लगाई और डामर का उपयोग ही नहीं किया।जलसंसाधन मंत्री ललन सिंह ने दिया बड़ा बयान, कहा- ये बांध टूटने से नहीं, भारी बारिश से बने बाढ़ के हालात…
गुजरात में इस बार मानसून खूब मेहरबान रहा। राज्य के 26 में से 18 जिलों में बाढ़ के हालात रहे जिनमें से बनासकांठा और पाटण में तो भारी तबाही हुई। अहमदाबाद में भी बारिश से प्रमुख सड़कें रेती और कपची में बदल गईं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बीते दो साल में अहमदाबाद महानगरपालिका का सड़क निर्माण का 750 करोड़ रुपये का बजट था।
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महापौर गौतम शाह ने हो-हल्ला मचते ही सड़क बहने की जांच विजिलेंस शाखा को सौंप दी। जांच अधिकारियों का मानना है कि करीब 548 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। मनपा ने दस ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट कर उनके 70 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया है और 33 सड़कों को फिर से बनाने को कहा है।