केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि गुजरात सरकार को 30 अप्रैल तक सभी पुलिस कमिश्नरेट में और जल्द से जल्द पूरे राज्य में भी तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करना सुनिश्चित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में गुजरात में आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए परिपत्र जारी करना चाहिए कि संगठित अपराध, आतंकवाद और मॉब लिंचिंग के प्रविधानों का दुरुपयोग न हो।
पिछले साल लागू हुए थे कानून
उल्लेखनीय है कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पिछले साल एक जुलाई को लागू हुए थे। इसने औपनिवेशिक युग के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली।
बहरहाल, उन्होंने हर जिले में दो से अधिक फारेंसिक साइंस मोबाइल वैन्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने फारेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती पर जोर देते हुए विभाग में खाली पदों पर भर्ती शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा।
गुजरात सरकार की सराहना की
गृह मंत्री ने नए कानूनों को लागू करने में गुजरात सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को 30 अप्रैल तक सभी पुलिस कमिश्नरेट में और जल्द से जल्द पूरे राज्य में इनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।
शाह ने कहा कि इसकी समीक्षा मुख्यमंत्री द्वारा मासिक रूप से, राज्य के गृह मंत्री द्वारा पाक्षिक रूप से और मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर साप्ताहिक रूप से की जानी चाहिए।
राज्य सरकारों को दी नसीहत
शाह ने कहा कि गुजरात ने 10 साल से अधिक की सजा वाले 92 प्रतिशत से अधिक मामलों में समय पर आरोप पत्र दाखिल करके महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। शेष मामलों में अधिनियम में कोर्ट से अनुमति लेने के प्रविधान के उपयोग को सुनश्चित करने की समीक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए परिपत्र जारी करना चाहिए कि संगठित अपराध, आतंकवाद और माब लिंचिंग के प्रविधानों का दुरुपयोग न हो।
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