हर साल 4 नवरात्रियां आती है। ऐसे में पहली चैत्र माह में, दूसरी आषाढ़ माह में, तीसरी आश्विन माह में और चौथी माघ माह में। आप सभी को बता दें कि आषाढ़ और माघ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि रहती है जिसमें 10 महाविद्याओं की पूजा और साधना का प्रचलन रहता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं 10 महाविद्याओं के मंत्र। साल 2022 की पहली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी बुधवार को प्रारंभ होगी, और यह आने वाले 10 फरवरी गुरुवार तक रहने वाली है। आपको बता दें कि इसे माघी नवरात्रि भी कहा जाता है।
गुप्त नवरात्रि की देवियां:- 1।काली, 2।तारा, 3।त्रिपुरसुंदरी, 4।भुवनेश्वरी, 5।छिन्नमस्ता, 6।त्रिपुरभैरवी, 7।धूमावती, 8।बगलामुखी, 9।मातंगी और 10।कमला।
10 महाविद्याओं के मंत्र :
काली- ‘ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।
तारा- ‘ॐ ऐं ओं क्रीं क्रीं हूं फट्।’
षोडशी- ‘श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।’
भुवनेश्वरी- ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।’
छिन्नमस्ता- ‘श्री ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरायनीये हूं हूं फट् स्वाहा।’
त्रिपुर भैरवी- ‘ह स: हसकरी हसे।’
धूमावती- ‘धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।’
बगलामुखी- ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा।’
मातंगी- ‘श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।’
कमला- ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।’
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features