गुरु पूर्णिमा के मौके पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में कौशल विकास में काम करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की जरूरत है. ट्रेनिंग के बाद लोगों को कई तरह के रोजगार मिल सकते हैं.अभी अभी: अमिताभ बच्चन की ये पॉपुलर हीरोइन का हुआ निधन… बॉलीवुड जगत में छाया मातम
गोरखपुर मंदिर में गुरु के रूप में पहुंचे महंत योगी आदित्यनाथ ने यहां शस्त्र की जगह शास्त्रों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि हर हर जगह शस्त्र से काम नहीं चलेगा. इस दौरान उन्होंने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गोरखपुर जिले में सीमा सुरक्षा बल के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हम यहां से एसएसबी को नहीं जाने देंगे.
दरअसल गुरु पूर्णिमा के मौके पर योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में अपने शिष्यों के बीच गुरु के रूप में मौजूद थे. योगी आदित्यनाथ इस मौके पर सीएम नहीं, बल्कि महंत आदित्यनाथ योगी के रूप में गुरु की भूमिका में दिखें. इस दिन के लिए खास तौर पर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे थे, जिनसे मिलने और अपनी फरियाद सुनाने के लिए लोगों की भारी भीड़ थी. इस दौरान कई महिलाएं भी वहां पहुंची थीं.
बता दें कि गुरु पूर्णिमा के इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में नहीं रखा गया था और सुबह से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक का वक्त आरक्षित वक्त के तौर पर उनके प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है, इसलिए यह पूरा वक्त गुरु पूर्णिमा पर उनके अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और महंत की भूमिका निभाने के लिए रखा गया था.
इससे पहले रविवार की सुबह योगी आदित्यनाथ अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ को चंदन लगाकर पूजा की शुरुआत की. गोरखपुर का गोरखनाथ पीठ इस पंथ में आस्था रखने वालों का सबसे बड़ा केंद्र है, जहां कई सौ सालों से गुरु शिष्य परंपरा चली आ रही है. गोरखनाथ को मानने वालों में हर साल गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु से आशीर्वाद लेने और गुरु दक्षिणा देने की सदियों पुरानी परंपरा है और बता और महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते इस परंपरा को निभा रहे हैं. इस मौके पर गुरु दक्षिणा में शिष्य उनका पूजन करते हैं, उन्हें फल चढ़ाते हैं और गोरखनाथ पीठ में गुरुदक्षिणा देते हैं, जबकि गुरु के तौर पर महंत उन्हें फल और फूल आशीर्वाद स्वरूप देते हैं.