गूगल ने अपनी एक्सपेरिमेंटल कन्वर्सेशनल AI सर्विस Bard को किया लॉन्च
ChatGPT को टक्कर देने के लिए गूगल (Google) ने कमर कस ली है। इसके लिए गूगल Bard लेकर हाजिर है। इसे ChatGPT से ज्यादा हाई-टेक कहा जा सकता है। गूगल बार्ड के बारे में सीईओ सुंदर पिचई ने एक ब्लॉगपोस्ट में बताया कि बार्ड एक एक्सपेरिमेंटल कन्वर्सेशनल एआई सर्विस है। इसे गूगल के लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग ऐप्लिकेशन यानी LaMDA ने तैयार किया है। बार्ड के ऊपर कंपनी 6 साल से काम कर रही थी। गूगल बार्ड चैटजीपीटी से अलग है। पिचई ने कहा कि बार्ड वेब से जानकारी लेकर यूजर्स को हाई-क्वॉलिटी रिस्पॉन्स देता है। वहीं, चैटजीपीटी साल 2021 तक की जानकारियों को ही ऐक्सेस कर सकता है।
कठिन विषयों को समझने में करेगा मदद
कंपनी शुरुआत में इसे LaMDA के लाइटवेट वर्जन के तौर पर रिलीज कर रही है। लाइटवेट वर्जन में यह कम कंप्यूटिंग पावर को यूज करता है ताकि यह ज्यादा यूजर्स तक पहुंच सके और इसके बारे में कंपनी को अधिक फीडबैक मिले। गूगल बार्ड की मदद से आप रोजाना के कामों को भी आसन बना सकते हैं। यूजर चाहें तो गूगल बार्ड की मदद से दो ऑस्कर नॉमिनेटेड मूवी की तुलना कर सकते हैं। साथ ही यह आपको आपके फ्रिज में रखे सामान से लंच बनाने के आइडियाज भी देता है।
यूजर फीडबैक और इंटरनल टेस्टिंग से बनेगा परफेक्ट
बार्ड को परफेक्ट बनाने के लिए कंपनी यूजर फीडबैक और इंटरनल टेस्टिंग की मदद लेने के बारे में प्लान कर रही है। इससे बार्ड के रिस्पॉन्स को सटीक करने में आसानी होगी और यह यूजर्स को बेस्ट क्वॉलिटी और सेफ्टी के साथ रियल-वर्ल्ड इन्फर्मेशन देगा। कंपनी भरोसेमंद टेस्टर्स को आने वाले हफ्तों में बार्ड का ऐक्सेस देने वाली है। टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे पब्लिक के लिए रिलीज किया जाएगा।
टूल्स और API का एक सूट बनाएगा गूगल
अगले महीने गूगल इंडिविजुअल डेवलपर्स, क्रिएटर्स और एंटरप्राइजेज को ऑनबोर्ड करना शुरू कर देगा ताकि वे जनरेटिव लैंग्वेज एपीआई को ट्राई कर सकें। Google की आगे चल कर टूल्स और API का एक सूट बनाने की प्लानिंग है, जो दूसरों के लिए AI के साथ नए एप्लिकेशन्स को बनाना आसान करेगा। विश्वसनीय AI सिस्टम बनाने के लिए जरूरी कंप्यूटिंग पावर का होना भी स्टार्टअप्स के लिए महत्वपूर्ण है। गूगल Cohere, C3.ai और Anthropic के साथ अपनी क्लाउड पार्टनरशिप के के जरिए इन प्रयासों को बढ़ाने में मदद करेगा।