उपद्रवी कश्मीर में फिर स्कूलों और सरकारी भवनों को निशाना बना सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने इस आशय की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी है। सरफेसी एक्ट और वेस्ट पाकिस्तान के रिफ्यूजियों को पहचान पत्र दिए जाने के मुद्दे पर अलगाववादियों ने मुहिम छेड़ रखी है। इस क्रम में कश्मीर में अफवाहों को हवा दी जाने लगी है।
आतंकी बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत से पहले अलगाववादियों ने सैनिक कालोनी और कश्मीरी पंडितों के लिए अलग सेटेलाइट टाउन के मुद्दों को कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ के रूप में प्रचारित कर विरोध का माहौल बनाया था। कश्मीर की संप्रभुता और अनुच्छेद 370 के मुद्दे को फिर से गरमाया जाने लगा है।
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सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक अलगाववादी कश्मीर की संप्रभुता के मुद्दे पर बलिदान की बात कर रहे हैं। ऐसी अपीलों से माहौल बिगड़ने का खतरा पैदा हो रहा है। दरअसल, आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद पांच महीने तक हिंसा के दौर के बाद अलगाववादियों की अपीलें बेअसर होने लगी थीं। इससे उनके लिए वजूद का खतरा पैदा होने लगा था।
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फिर से हिंसा भड़कने की आशंका
लिहाजा, नए मुद्दों के बहाने फिर से मस्जिदों से आजादी के तराने बजाए जाने लगे हैं। उपद्रवियों ने चार महीने में 35 स्कूलों और 39 सरकारी भवनों को आग के हवाले कर दिया था। 40 सरकारी भवन क्षतिग्रस्त किए गए।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक सरकारी भवनों और स्कूलों को साफ्ट टारगेट मानते हुए यह सिलसिला फिर से शुरू किए जाने की साजिश रची जा रही है। सरफेसी (सिक्यूरिटीजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन आफ फिनानशियल एसेट एंड इनफोर्समेंट आफ सिक्यूरिटी इंटरेस्ट एक्ट) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को संप्रभुता हासिल नहीं है।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक सरकारी भवनों और स्कूलों को साफ्ट टारगेट मानते हुए यह सिलसिला फिर से शुरू किए जाने की साजिश रची जा रही है। सरफेसी (सिक्यूरिटीजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन आफ फिनानशियल एसेट एंड इनफोर्समेंट आफ सिक्यूरिटी इंटरेस्ट एक्ट) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को संप्रभुता हासिल नहीं है।
अलगाववादी प्रचारित कर रहे हैं कि इस कानून के लागू होने से डिफाल्टरों की जब्त संपत्ति को रियासत के बाहर वाले लोगों को बेचने का अधिकार बैंकों को हासिल हो जाएगा। अलगाववादी इसे जम्मू-कश्मीर के संविधान और स्टेट सब्जेक्ट के प्रावधान के विपरीत बता रहे हैं।
वर्तमान में दूसरे राज्य के लोगों को जम्मू-कश्मीर में स्थायी संपत्ति हासिल करने का अधिकार नहीं है। वेस्ट पाक रिफ्यूजियों को निवास संबंधी पहचान पत्र जारी करने को भी अलगाववादी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ बताते हुए कश्मीरी युवकों को भड़का रहे हैं।
वर्तमान में दूसरे राज्य के लोगों को जम्मू-कश्मीर में स्थायी संपत्ति हासिल करने का अधिकार नहीं है। वेस्ट पाक रिफ्यूजियों को निवास संबंधी पहचान पत्र जारी करने को भी अलगाववादी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ बताते हुए कश्मीरी युवकों को भड़का रहे हैं।