साउथ अफ्रीकाई टीम के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन कभी भी कोचिंग में दिलचस्पी नहीं रखते थे। यही कारण रहा कि वे लंबे समय तक क्रिकेट खेलने के बाद क्रिकेट से जुड़ी किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं रहे थे, लेकिन जब दो भारतीय दिग्गजों ने उनसे भारतीय टीम का कोच बनने का आग्रह किया तो वे इससे लिए भी सहमत नहीं थे। हालांकि, दो पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों ने उनको टीम का कोच बनने के लिए मना लिया था, जिसका खुलासा खुद उन्होंने किया है।
क्रिकेट कलेक्टिव पॉडकास्ट में बात करते हुए गैरी कर्स्टन ने 2007 की उन यादों को याद किया, जिसमें उनको भारतीय टीम को कोचिंग देने का मौका मिला। गैरी कर्स्टन ने बताया कि वह भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद के लिए इंटरव्यू देने के लिए सुनील गावस्कर के निमंत्रण पर गए थे, जो समय कोच सलेक्शन पैनल का हिस्सा थे। विवादों की वजह से ग्रेग चैपल के भारतीय टीम के कोच पद से हटने के बाद कर्स्टन को टीम इंडिया का कोच नियुक्त किया गया था।
गैरी कर्स्टन ने बताया, “मुझे सुनील गावस्कर का एक ईमेल मिला, जिसमें मुझे इंडिया टीम की कोच पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर देखा गया। मैंने समझा कि ये कोई जाल है। मैंने इसका उत्तर देना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने दूसरा मेल भेजा और कहा कि क्या तुम इंटरव्यू के लिए आ सकते हो? मैंने इसे अपनी पत्नी को दिखाया और उसने कहा कि ये कोई गलत व्यक्ति हो सकता है। इसलिए यह पूरी तरह से एक विचित्र एंट्री थी और सही भी है। मेरा मतलब है, मेरे पास कोई कोचिंग अनुभव या कुछ भी नहीं था।”
कर्स्टन ने कहा कि जब वह साक्षात्कार के लिए भारत आए थे, तब तत्कालीन कप्तान अनिल कुंबले के साथ एक बैठक हुई थी, ताकि दोनों इस स्थिति के लिए विवाद में होने की संभावना पर हंस रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं साक्षात्कार के लिए गया था, यह कई मायनों में एक विचित्र अनुभव था, क्योंकि मैं साक्षात्कार में आया था और मैं अनिल कुंबले को देखता हूं, जो वर्तमान भारतीय कप्तान हैं, और वह कहते हैं, ‘आप यहां क्या कर रहे हैं?’। मैंने कहा, ‘मैं आपको कोच करने के लिए एक साक्षात्कार के लिए आया हूं!’। “तो हम इसके बारे में हंसते हैं। यह काफी हंसी की बात थी।”
भले ही उनके पास कोई कोचिंग अनुभव नहीं था, लेकिन कर्स्टन ने सभी समय के सबसे सफल भारत कोचों में से एक बनकर टीम को 2009 में टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा दिया और फिर दो साल के बाद टीम को विश्व कप का खिताब जिता दिया। साक्षात्कार के बारे में बात करते हुए, कर्स्टन ने कहा कि वह बिना तैयारी के चले गए थे और यह वर्तमान भारतीय कोच रवि शास्त्री थे, जो उस समय चयन पैनल में थे।
उसके बाद, प्रोटियाज के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, यह सब कुछ सात मिनट में हो गया था। कर्स्टन ने कहा, “… मैं इन BCCI अधिकारियों के साथ बोर्ड की बैठक में था और यह काफी डराने वाला माहौल था; बोर्ड के सचिव ने कहा, ‘मिस्टर कर्स्टन, क्या आप भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करना चाहेंगे?” इस पर मैंने कहा, ‘ठीक है, मेरे पास कोई प्लान नहीं है।’ किसी ने मुझे इसके लिए कुछ भी तैयार करने के लिए नहीं कहा था। मैं अभी वहां पहुंचा था।”
“चयन समिति में शामिल रवि शास्त्री ने मुझसे कहा, ‘गैरी, हमें बताओ, तुम लोगों ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के भारतीयों को हराने के लिए क्या किया?’ मुझे लगा कि यह एक महान आइस-ब्रेकर है, क्योंकि मैं इसका जवाब दे सकता हूं और मैंने लगभग दो-तीन मिनट में यह कहे बिना रणनीतियों के जवाब दिया कि हम इस दिन का शायद उपयोग करते हैं। वह उपयुक्त रूप से प्रभावित थे, जैसा कि बाकी बोर्ड था”
कर्स्टन ने आगे ये भी बताया कि कुछ ही देर में बोर्ड के अधिकारियों ने मुझे कॉन्ट्रैक्ट थमा दिया था, लेकिन मैंने देखा कि इस पर अभी भी ग्रेग चैपल का नाम लिखा हुआ था। इसके बारे में कर्स्टन ने उन अधिकारियों से बोला तो उन्होंने तुरंत अपनी जेब से कलम निकाली और उनका नाम हटाकर इस पर कर्स्टन का नाम लिख दिया।