गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुसने की सूचना पर गुरुवार की रात में हड़कंप मच गया। डॉग व बम स्क्वाड के साथ पहुंचे एसपी सिटी व सीओ गोरखनाथ ने पूरे परिसर की सघन तलाशी कराई लेकिन कोई संदिग्ध नहीं मिला। उसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। कंट्रोल रूम में सूचना देने वाले युवक के बारे में छानबीन करने पर पता चला कि वह बांसगांव इलाके का रहने वाला है। परिवार के लोग उसे मानसिक रोगी बता रहे हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
रात 10 बजे युवक ने किया था फोन
गुरुवार की रात में 10 बजे के करीब पुलिस कंट्रोल रूम में एक युवक ने फोन किया। उसने बताया कि गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घुस गया है, उसे पकड़ लीजिए। फोन रिसीव करने वाले ऑपरेटर के नाम, पता पूछने पर उसने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। कंट्रोल रूम प्रभारी ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों व गोरखनाथ थाना प्रभारी को दी। खबर मिलते ही एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ, सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह फोर्स के साथ मंदिर परिसर में पहुंच गए।
पूरे परिसर की ली गई तलाशी
सजगता के साथ डॉग व बम स्क्वाड को लेकर पूरे मंदिर परिसर की सघन तलाशी ली गई। परिसर के बाहर घूमने वाले लोगों से भी पुलिस ने पूछताछ की लेकिन कोई संदिग्ध व्यक्ति या सामान नहीं मिला। मंदिर परिसर लगे सीसी कैमरे की फुटेज चेक करने पर भी शाम के बाद से परिसर में कोई अनजान व्यक्ति आते-जाते नहीं दिखा। उसके बाद अधिकारियों ने यह मान लिया कि यह किसी की सरारत रही होगी। छानबीन के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
बांसगांव के युवक ने दी थी सूचना, परिवार वाले बता रहे मानसिक रोगी
उसके बाद सर्विलांस की मदद से छानबीन करने पर पता चला कि बांसगांव के बेदौली बाबू गांव निवासी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर गोरखनाथ मंदिर में आतंकवादी घूसने की सूचना दी थी। पुलिस घर पहुंची तो शिवेंद्र नहीं मिला। पिता सुनील सिंह ने बताया कि उनका बेटा मानसिक रोगी है। पिछले 10 साल से केजीएमयू लखनऊ में उसका इलाज चल रहा है। सीओ गोरखनाथ रत्नेश सिंह ने बताया कि घरवालों के दावे की जांच चल रही है।