शनिवार को गोरखपुर में तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। एक मौत पोर्टल पर अपलोड न होने से स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ दो मौतों का ही आंकड़ा जारी किया है। नमूनों की जांच में 432 निगेटिव व 295 में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसमें 177 शहर के मरीज हैं। अब जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 10744 हो गई है। 143 की मौत हो चुकी है। 7674 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 2729 सक्रिय रोगी हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने इसकी पुष्टि की।
शनिवार को इनकी हुई मौत
बेलघाट निवासी 65 वर्षीय गायत्री देवी को 27 अगस्त को बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया गया था। इसी अस्पताल में नंदानगर निवासी 76 वर्षीय छाेटू प्रसाद 21 अगस्त को भर्ती हुए थे। इलाज के दौरान दोनों की शनिवार को मौत हो गई। असुरन निवासी 59 वर्षीय सुमन सिंह की गीडा स्थित एक निजी अस्पताल में मौत हो गई।
संक्रमितों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के मैनेजर टेक्निकल भी शामिल हैं। एम्स के एक, निजी अस्पताल के दो व स्वास्थ्य केंद्र खोराबार के एक डॉक्टर भी संक्रमित मिले हैं। रेलवे अस्पताल में जांच कराने वाले करीब 45 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। शहर के एक कार शोरुम के छह कर्मियों में भी संक्रमण मिला है। साथ ही बीआरडी के दो, स्वास्थ्य केंद्र पाली व कैंपियरगंज के एक-एक व पासपोर्ट कार्यालय का एक कर्मी पॉजिटिव पाया गया है। महेवा मंडी के तीन, भालोटिया मार्केट में व्यापारी के यहां काम करने वाला एक कर्मी संक्रमित मिला है। इसके अलावा एक ही परिवार के गगहा के हटवा में चार, बेतियाहाता, मोहद्दीपुर, तारामंडल व बिछिया में दो-दो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।
निजी अस्पताल में संक्रमित की मौत, हंगामा
गीडा के एक निजी अस्पताल में शनिवार को एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद स्वजन ने अस्पताल गेट जमकर हंगामा किया। उनका आरोप है कि इलाज में पूरी लापरवाही बरती गई। पुलिस ने स्वजन को समझा-बुझाकर शांत कराया। खबर लिखे जाने तक तहरीर नहीं दी गई थी। बिहार में खंड विकास अधिकारी रहे गोरखपुर के असुरन निवासी 59 वर्षीय सुमन सिंह की तबीयत खराब होने पर स्वजन उन्हें बुधवार को डेंटल कॉलेज गीडा स्थित जेएस फाउंडेशन अस्पताल में पहुंचे। आइसाेलेशन वार्ड में वेंटीलेटर युक्त बेड पर उनका इलाज शुरू हुआ और कोरोना संक्रमण की जांच के लिए सैंपल भेजा गया। शुक्रवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी। शनिवार की सुबह उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। दोपहर होते-होते उनकी मौत हो गई। इसके बाद स्वजन हंगामा करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज की मौत की सूचना उन्हें नहीं दी गई और मरीज को बेवजह दवा देते रहे। इतना ही नहीं उन्होंने कोरोना का एक इंजेक्शन लगाने के नाम पर 40 हजार रुपए की मांग भी की। स्वजन मुआवजे की मांग भी कर रहे थे। इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। सीओ कैंपियरगंज व चौकी इंचार्ज नौसढ़ भारी पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने स्वजन को समझा-बुझाकर शांत कराया।
मरीज जब भर्ती हुआ तो उसकी हालत नाजुक थी। उसके फेफड़े में सूजन थी। वह ऑक्सीजन नहीं ले पा रहा था। उसके पास कोविड जांच रिपोर्ट भी नहीं थी। लक्षण मिलने के बाद इलाज शुरू कर सैम्पल जांच के लिए भेजा गया था। शनिवार को अचानक तबीयत बिगड़ी। उसे बचाने का पूरा प्रयास किया गया।