गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) आय बढ़ाने के लिए शमन नीति के को लेकर लोगों को जागरूक कर रहा है। लेकिन अभी तक इस मामले में लोगों ने कुछ खास रुचि नहीं दिखाई है। जिसके बाद प्राधिकरण कार्रवाई के मूड में आ गया है। ऐसे 2270 लोगों को नोटिस जारी की गई है, जिनके निर्माण या तो अवैध हैं या फिर मानचित्र के विपरीत कराए गए हैं। इनके निर्माण शमन नीति के तहत वैध हो सकते हैं। सभी को दी गई नोटिस में 10 दिन के भीतर शमन मानचित्र जमा कर निर्माण वैध कराने को कहा गया है। ऐसा न करने पर ये सभी निर्माण संकट में आ जाएंगे। या तो उन्हें सील कर दिया जाएगा या ध्वस्त कराया जाएगा।
ऐसे करें आवेदन
अवैण निर्माण को वैध कराने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है। शमन नीति को लेकर आर्किटेक्टों की कुछ शंकाएं थीं, जिसे लेकर जीडीए उपाध्यक्ष ने उनके साथ बैठक भी की थी। नीति में उपविभाजन (सब डिवीजन) शुल्क लेकर निर्माण को वैध करने की व्यवस्था नहीं है। जबकि स्थानीय स्तर पर जीडीए में यह व्यवस्था है। इस संबंध में जीडीए की ओर से समाधान निकालने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
शुरू हुई कार्रवाई
नोटिस पाने के 10 दिन के भीतर शमन मानचित्र दाखिल न करने वाले कुछ लोगों पर जीडीए ने कार्रवाई शुरू कर दी है। गुरुवार को मेडिकल कालेज रोड, राप्तीनगर योजना, रामनगर चौराहा, नकहा रोड पर तीन निर्माण सील कर दिए गए। जैसे-जैसे नोटिस में दी गई समय सीमा पूरी होती जाएगी, कार्रवाई का दायरा बढ़ता जाएगा। कुछ निर्माणों को ध्वस्त करने की भी तैयारी है।
जीडीए वीसी ने कहा, ध्वस्त होगा अवैध निर्माण
जीडीए उपाध्यक्ष अनुज सिंह ने कहा कि शासन ने शमन नीति 2020 लागू की है। इसे स्वीकार करते हुए जीडीए ने भी 21 जुलाई से अपने यहां लागू कर दिया है। लेकिन इसके तहत अभी पर्याप्त आवेदन नहीं आ रहे हैं। 2270 लोगों को नोटिस जारी कर दी गई है। निर्माण कराने वाले यदि शमन नहीं कराते हैं तो नियमानुसार निर्माण को सील करने एवं ध्वस्त करने की कार्रवाई होगी। तीन निर्माण सील किए जा चुके हैं।