गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में हिस्सा लेने और मकर संक्रांति के अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर की परंपरा निभाने के लिए मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार की सुबह जनकल्याण के संकल्प के साथ गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने आवास में रुद्राभिषेक किया। रुद्राभिषेक का अनुष्ठान मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व गुरु श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय के आचार्यों ने सम्पन्न कराया।
गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में हुआ रुद्राभिषेक का अनुष्ठान
इससे पहले बुधवार की सुबह मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही। आवास से निकलने के बाद सबसे पहले उन्होंने बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। वहां उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ बाबा की पूजा-अर्चना की। उसके बाद मुख्यमंत्री अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर गए और उनका आशीर्वाद लिया। हमेशा की तरह उन्होंने मंदिर परिसर का भ्रमण किया और व्यवस्था को लेकर जरूरी निर्देश दिए। आधा घंटा गोशाला में गायों के साथ गुजारने के बाद उन्होंने मंदिर कार्यालय के लालकक्ष में कुल लोगों से मुलाकात की। यह लोग मिलने के लिए तड़के से ही मंदिर में पहुंचे हुए थे। समस्या लेकर आए मुलाकातियों को उन्होंने समाधान का आश्वासन दिया जबकि दर्शन की अभिलाषा में पहुंचे लोग आशीर्वाद लेकर लौटे। उसके बाद मुख्यमंत्री रुद्राभिषेक के लिए अपने आवास के शक्तिपीठ में पहुंचे। वहां आचार्यो का दल पहले से तैयारी के साथ बैठा था।
गुरु श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय के आचार्यों ने कराई पूजा
मुख्यमंत्री के पहुंचने के बाद गणेश वंदना और शिव पूजा के साथ दुग्ध और जल से रुद्राभिषेक का अनुष्ठान शुरू हुआ, जो एक घंटे से अधिक समय तक चला। अंत में आरती हुई और प्रसाद वितरित किया गया। रुद्राभिषेक कराने वाले आचार्यों के दल में प्रधान पुरोहित के अलावा प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, डा. अरविंद चतुर्वेदी, डा. रोहित मिश्र, डा. रंगनाथ त्रिपाठी, पुरुषोत्तम चैबे, बनारस से आए महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा आदि शामिल रहे। मुख्यमंत्री आज यानी बुधवार की शाम गोरखपुर महोत्सव के समापन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और गुरुवार की सुबह बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा का निर्वहन करेंगे। इसे लेकर मंदिर में तैयारी पूरी कर ली गई है। मुख्यमंत्री खुद तैयारी की मानिटरिंग कर रहे हैं।