गोरखपुर लोगों के लिए लखनऊ जाना अब और आसान हो जाएगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए यूपी एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने 274.88 करोड़ रुपये अवमुक्त किया है। ताकि सड़क निर्माण का कार्य तेजी से हो।
यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर जिले के गोरखपुर बाईपास एनएच- 27 ग्राम-जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आजमगढ़ में समाप्त होगी। एक्सप्रेसवे होने के कारण सड़क की गुणवत्ता बढ़ जाएगी। इस पर क्रासिंग नहीं होंगे। ऐसे में लोगों को यात्रा करने में सहूलियत होगी। इससे गोरखपुर से लखनऊ व वाराणसी की दूरी भी कम हो जाएगी।
माह भीतर ही हो जाएगा किसानों का भुगतान
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने गोरखपुर, अंबेडकरनगर व आजमगढ़ के जिलाधिकारियों को एक्सप्रेसवे के लिए 274.88 करोड़ रुपये सौंपने के साथ यह निर्देशित किया गया है कि यहां किसानों से ली गयी जमीन का भुगतान एक माह भीतर कर दिया जाए। ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
आंकड़ों पर एक नजर
एक्सप्रेसवे की लम्बाई-91.352 किमी
एक्सप्रेसवे से यह जिले होंगे लाभांवित
गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर, आजमगढ़
एक्सप्रेसवे को मिलेगा 6 लेन का विस्तारीकरण
यह एक्सप्रेसवे फोरलेन चौड़ा है। इसे 6 लेन का विस्तारीकरण मिलेगा। इस लिए इसकी संरचना 6 लेन चौड़ाई की बनाई जा रही है।
तेजी से हो रहा निर्माण
गोरखपुर क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए इस सड़क का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। परियोजना को दो पैकेज में बांटा गया है। प्रथम पैकेज का निर्माण कार्य बीते 10 फरवरी से व द्वितीय पैकेज का निर्माण 19 जून से शुरू हो गया है।
इतना कार्य हो चुका है पूरा
क्लीयरिंग एंड ग्रबिंग(सड़क किनारे लगे पेड़ों की कटाई व सफाई) -67.97 फीसद
मिट्टी का कार्य- 13.22 फीसद
इस जिले में इतने लागत से बनेगी सड़क
गोरखपुर-70 करोड़
अम्बेडकरनगर-152.88 करोड़
आजमगढ़-52 करोड़
इलेक्ट्रिक इंजन से चलेंगी कृषक और चौरीचौरा एक्सप्रेस
चौरीचौरा और कृषक एक्सप्रेस शनिवार से पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जाएंगी। इनके अलावा हमसफर, गोरखपुर-यशवंतपुर और अवध-असम स्पेशल सहित गोरखपुर से बनकर चलने वाली सभी ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन लगाए जाएंगे। दरअसल,भटनी-औंड़िहार रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो जाने के बाद गोरखपुर- वाराणसी रूट पर चलने वाली ट्रेनें भी इलेक्ट्रिक इंजनों से चलने लगी हैं। गोरखपुर-छपरा, गोरखपुर-नरकिटयागंज और गोरखपुर-लखनऊ रूट पर पहले से ही इलेक्ट्रिक ट्रेनें दौड़ रही हैं। नई स्पेशल ट्रेनों को निर्बाध चलाने को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। प्लेटफार्म नंबर एक स्थित कैब-वे और तीनों फुट ओवरब्रिज को खोल दिया गया है। थर्मल स्कैनिंग के बाद ही यात्रियों को प्लेटफार्म पर प्रवेश मिलेगा। मास्क लगाना अनिवार्य होगा। टिकटों की बुकिंग गुरुवार से ही शुरू है। अधिकतर ट्रेनें फुल हो चुकी हैं। शुक्रवार को नई स्पेशल ट्रेनों के लिए तत्काल टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो गई। लेकिन एक भी टिकट कंफर्म नहीं मिला। सभी कंफर्म टिकट दलालों के हाथ चले गए। ट्रेनों की 25 से 30 फीसद बर्थें तत्काल के लिए आरक्षित होती हैं। स्पेशल ट्रेनों में कंफर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति है। यहां जान लें कि गोरखपुर से चौरीचौरा, हमसफर और गोरखपुर-यशवंतपुर स्पेशल एक्सप्रेस चलाई जाएंगी। कृषक और अवध-असम एक्सप्रेस गोरखपुर के रास्ते चलेंगी। पांच स्पेशल ट्रेनें एक जून से चल रही हैं।