गोल्ड मैडलिस्ट डाक्टर ने एनेस्थीसिया का इजेक्शन लगाकर कर ली आत्महत्या, मचा कोहराम!

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के वजीरगंज स्थित केके अस्पताल में कार्यरत एनेस्थीसिया के डाक्टर मसीम रिजवी का शव सोमवार की सुबह ठाकुरगंज स्थित मेहंदीघाट के पास उनकी वैगनआर कार में पड़ा मिला। उनके हाथ में विगो लगा था और पास में ही इंजेक्शन भी मौजूद था। पुलिस का कहना है कि डाक्टर अवसाद में थे और इसी के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली। फिलहाल अभी तक परिवार वालों की तरफ से किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है और न ही उनका कुछ कहना है। डाक्टर की मौत के बाद उनके परिवार व रिश्तेदारों को कोहराम मचा हुआ है।


ठाकुरगंज के हरदोई राड स्थित सफराजगंज मोहल्ले में 40 वर्षीय डाक्टर मीसम रिजवी अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह डालीगंज स्थित केके असपताल में एनेस्थीसिया के डाक्टर थे। बताया जाता है कि सोमवार की सुबह वह अपनी बेटी को लामार्ट स्कूल छोडऩे के लिए कार से निकले थे। बच्चे को स्कूल छोडऩे के बाद डाक्टर मसीम रिजवी घर नहीं पहुंचे।

इस बीच ठाकुरगंज के कुडिय़ाघाट स्थित मेंहदीघाट के पास डाक्टर मसीम रिजवी अचेत अवस्था में अपनी कार की ड्राइविंग सीट पर पड़े मिले। लोगों ने उनको इस हालत में देख सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची ठाकुरगंज पुलिस ने आनन-फानन में डाक्टर मसीम रिजवी को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने उनको देखते हुए मृत घोषित कर दिया।

इस बीच ठाकुरगंज पुलिस ने उनकी पहचान की और सूचना परिवार वालोंं को दी। खबर मिलते ही परिवार के लोग और अन्य परिचित ट्रामा सेंटर पहुंच गये। उन लोगों को जब डाक्टर मसीम रिजवी की मौत का पता चला तो वहां कोहराम मच गया। लोगों ने किसी तरह परिवार को संभाला। डाक्टर की मौत की खबर पाकर सीओ चौक भी ट्रामा सेंटर पहुंच गये। छानबीन की गयी तो पता चला कि डाक्टर मसीम रिजवी के दाहिने हाथ में वीगो लगा था।

पुलिस को उनकी कार से बेहोशी के लिए प्रयोग किया जाने वाला इंजेक्शन भी मिला। सीओ चौक ने बताया कि परिवार वालों से बातचीत के बाद इस बात का पता चला डाक्टर मसीम तनाव व अवसाद में थे और शायद इसी के चलते उसने बेहोशी वाले इंजेक्शन की अधिक डोज लगाकर अपनी जान दे दी।

सीओ चौक ने बताया कि डाक्टर के परिवार के लोग उनके शव को पोस्टमार्टम भी नहीं कराना चाह रहे थे, पर किसी तरह उनको लोगों को समझा-बुझाकर पोस्टमार्टम के लिए राजी किया गया। इसके बाद डाक्टर मसीम रिजवी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अभी तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि डाक्टर मसीम रिजवी ने आत्महत्या किन कारणों से की और अवसाद के पीछे की असली वजह क्या है।

फिलहाल परिवार वालों ने किसी तरह का कोई आरोपी किसी पर नहीं लगाया है और न ही वह इस बारे में कुछ बोलने के लिए तैयार है। उनका कहना है कि डाक्टर मसीम रिजवी बीपी के मरीज थे। डाक्टर मसीम रिजवी के परिवार में पत्नी जरीना , एक बेटा और एक बेटी है। उनकी पत्नी एक सरकारी अस्पताल में डाक्टर है। डाक्टर मसीम रिजवी मूल रूप से बस्ती जनपद के रहने वाले थे।

 

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