गोवा पहुंचा शिवाजी के अपमान का मामला, भाजपा ने लेखक की टिप्पणी का किया विरोध

छत्रपति शिवाजी के अपमान का मामला गोवा भी पहुंच गया। भाजपा ने कोंकणी लेखक उदय भेंबरे की छत्रपति शिवाजी को लेकर की गई टिप्पणी का विरोध किया है। साथ ही विपक्ष के विधायक विजय सरदेसाई को घेरा है। भाजपा ने सवाल उठाया कि विधायक छत्रपति शिवाजी को लेकर कोंकणी लेखक उदय भेंबरे की टिप्पणी पर क्यों चुप्पी साधे हैं?

गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई ने शनिवार को कोंकणी लेखक उदय भेंबरे से मुलाकात की थी। इसके बाद सरदेसाई ने कहा कि भाजपा गोवा में वही करना चाहती है जो वह उत्तर प्रदेश में करती है। जो भी भाजपा की विचाराधारा से जुड़ा नहीं है, उसे नुकसान पहुंचाया जाता है। यह गोवा के भारतीयकरण की नई संस्कृति है और यह गलत है। कोंकणी लेखक के घर के बाहर बजरंग दल के प्रदर्शन को लेकर सरदेसाई ने कहा कि यह दादागिरी है। यह सही नहीं है। गोवा एक बनाना रिपब्लिक बन गया है।

सरदेसाई ने कहा कि मैं गोवा के लोगों से अपील करता हूं कि इसे यूपी और बिहार नहीं बनाया जाए। यहां के लोग इतिहास के अध्ययन के बाद जो सोचते हैं और उसे लिखना उनका अधिकार है। भेंबरे इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए तैयार हैं।

इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता गिरिराज पाई वर्नेकर ने एक्स पर लिखा कि विजय सरदेसाई ने मंत्री बनते वक्त संविधान की शपथ ली थी। अब वह गोवा के भारतीयकरण को लेकर बोल रहे हैं। यह पाखंड है या शुद्ध बेशर्मी है। क्या वह छत्रपति शिवाजी महाराज और उनकी सेना द्वारा महिलाओं के अपहरण के बारे में झूठ का समर्थन करते हैं। वे मराठा राजा के खिलाफ भेंबरे के अपमान पर चुप क्यों हैं? पुर्तगाली इतिहास सरदेसाई जैसे नेताओं के लिए ईश्वर का संदेश है। वोटों के लिए वह हिंदूओं का राजनीतिकरण करना बंद करें

क्या है पूरा मामला
बीते हफ्ते शिव जयंती के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दावा किया कि पुर्तगाल के शासन के समय, बड़ी संख्या में लोग धर्म परिवर्तन से इसलिए बच गए थे क्योंकि उस वक्त गोवा के बड़े हिस्से पर शिवाजी महाराज का शासन था, जबकि पुर्तगाल शासन महज तीन तालुका तक सिमटा हुआ था। सीएम के इस दावे को गोवा के कोंकणी लेखक उदय भेम्ब्रे ने खारिज कर दिया। उदय भेम्ब्रे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।

लेखक के बयान से नाराजगी जाहिर करते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार शाम को दक्षिण गोवा के कुनकोलिम गांव में उदय भेम्ब्रे का पुतला फूंका। इसके बाद बजरंग दल कार्यकर्ता मारगो शहर स्थित उदय के घर पहुंचे और वहां विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उदय भेम्ब्रे घर पर ही मौजूद थे और उन्होंने बजरंग दल कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। हालांकि बजरंग दल कार्यकर्ता उनसे माफी की मांग पर अड़े रहे, लेकिन भेम्ब्रे ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

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