वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश मर्डर केस में हाथ संदिग्ध हत्यारे की तस्वीर लगी है. सीसीटीवी फुटेज से टेक्निकल एक्सपर्ट के जरिए निकाली इस तस्वीर में हेलमेट पहने संदिग्ध हत्यारे को देखा जा सकता है. इससे पहले इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किेए थे. लोगों से उनकी पहचान करने में मदद मांगी थी.
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SIT प्रमुख बीके सिंह ने स्केच जारी करते हुए कहा था कि जानकारी के आधार पर हमने ये स्केच जारी किए हैं. हम लोगों से सहयोग चाहते हैं . इसीलिए संदिग्धों के इन स्केच को जारी कर रहे हैं. हमारे पास इस मामले का सीसीटीवी फुटेज भी है. इसे भी जारी किया जा रहा है. हमने अभी तक 200 से 250 लोगों से पूछताछ की है. इस मामले की जांच अभी जारी है.
उन्होंने कहा कि दो संदिग्धों के स्केच में काफी समानता है. इनको दो अलग-अलग कलाकारों ने प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी के आधार पर बनाया है. पहनावे के आधार पर यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता है कि संदिग्ध किस धर्म के हैं. गुमराह करने के लिए भी तिलक या कुंडल पहने जा सकते हैं. हम अपराधियों के नजदीक पहुंच चुके हैं. उनको जल्द जेल भेजा जाएगा.
SIT प्रमुख ने कहा कि इस मामले में सनातन संस्था का नाम घसीटा जा रहा है. हमारी ओर से अभी तक किसी संगठन का नाम नहीं लिया गया है. इससे पहले हिंदू जागरण वैदिक और सनातन संस्था ने भी कहा था कि उनके संगठन के किसी भी सदस्य का इस केस में कोई हाथ नहीं है. दोनों संस्थाओं ने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की थी.
हमलावरों ने की थी गौरी के घर की रेकी
पुलिस जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि हत्या की इस वारदात को अंजाम देने से पहले हमलावरों ने गौरी के घर की रेकी थी. बाइक से घर के तीन चक्कर लगाए थे. मुख्य आरोपी की उम्र करीब 35 साल बताई जा रही है. उसने 7.65MM पिस्टल से इस वारदात को अंजाम दिया है. इसी तरह के पिस्तौल से एमएम कलबुर्गी को भी गोली मारी गई थी.
अब तक जांच में सामने आए तथ्य
– पुलिस ने 600 डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग का विश्लेषण किया.
– हमलावरों को गौरी के घर के बारे में पता नहीं था, इसलिए उन्होंने उनके घर की दो बार रेकी की थी.
– इस वारदात को दो लोगों ने मिलकर अंजाम दिया है, जो CCTV कैमरे में कैद हो गया.
– एक संदिग्ध ने सफेद शर्ट और पैंट पहना था. उसके सिर पर हैलमेट थी. उसकी उम्र करीब 35 साल है.
– आरोपी सड़क के दाहिनी तरफ से गौरी के घर की तरफ आया, दूर आगे बढ़ा और फिर अपनी वापस मुड़ गया था.
– संदिग्ध को गौरी के घर के पास पहली बार शाम 3.27 बजे देखा गया. इसके बाद 7.15 बजे वह फिर वापस आया था.
– तीसरी बार जब संदिग्ध आया तो उसकी पीठ पर एक काला बैग था. हो सकता है इस बैग में वह हथियार लेकर आया हो.
– गौरी के घर पर पहुंचते ही उनके उपर चार राउंड फायरिंग की गई थी, जिसमें तीन सीधे उनके शरीर पर लगी थी.
गौरी ने बताया था जान का खतरा
बताते चलें कि गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन ‘लंकेश पत्रिके’ की संपादक थीं. इसके साथ ही वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं. टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं. लंकेश के दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद थे. एक मुलाकात में कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता से उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया था.
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