घरेलू कलह के बाद दुकानदार ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या की और दोस्त की मदद से शव को बक्से में रखकर बांध किनारे फेंक दिया। किसी को उसके ऊपर संदेह न हो इसलिए पत्नी की फोटो लेकर शाहपुर थाने में पत्नी की गुमशदुगी दर्ज कराने पहुंच गया। संदेह होने पर थानेदार ने उसे बैठा लिया। पीपीगंज थानेदार ने दुकानदार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पत्नी की हत्या करने वाला विनय वर्मा मूल रूप से महराजगंज जिले के नौतनवा का रहने वाला है। पिछले 10 साल से शाहपुर के गंगानगर में किराए पर कमरा लेकर रहता है। थाने के पास मोड़ पर उसकी मोबाइल की दुकान है। देवरिया, बनकटा के पकड़ी नरही की रहने वाली युवती रागिनी श्रीवास्तव से एक साल पहले उसने प्रेम विवाह किया था। विनय ने पूछताछ में बताया कि शादी के छह माह बात से ही रागिनी से उसका झगड़ा होने लगा था। एक अक्टूबर की भोर में कहासुनी के बाद मारपीट हो गई। जिसके बाद उसने गला दबाकर रागिनी की हत्या कर दी। उसके बाद शव के साथ ही रागिनी के गहने और कपड़े को बक्सा में रख दिया। घटना की जानकारी चिलुआताल के रामजानकी नगर में रहने वाले अपने दोस्त साहिल पाल को फोन से देने के साथ ही घर बुला लिया। फिर उसके बाद बाइक पर बक्सा लेकर मानीराम-कुदरहिया बंधे पर पहुंचा, जहां गायघाट गांव के पास शव को झाड़ी में फेंककर फरार हो गया। वारदात में शामिल साहिल की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
दुकान पर आते-जाते हुई जान-पहचान
रागिनी की बड़ी बहन की शादी शाहपुर क्षेत्र के शक्तिनगर कॉलोनी में हुई है। बहन के घर आने पर वह मोबाइल रिचार्ज कराने विनय की दुकान पर जाती थी। जान-पहचान बढ़ने पर दोनों के बीच मोबाइल पर बात होने लगी। घरवालों की इच्छा के खिलाफ 2019 में रागिनी ने विनय से शादी कर ली।
अज्ञात पर केस दर्ज कर पुलिस कर रही थी जांच
पीपीगंज पुलिस ने गायघाट गांव के प्रधान तेजनाथ यादव के तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या व शव छिपाने का केस दर्ज कर जांच कर रही थी। शिनाख्त करने के लिए जोन के सभी थानेदारों के पास महिला की फोटो भेजी गई थी। इसी फोटो को देखकर शाहपुर थानेदार ने आरोपित को पकड़ लिया।
युवक की मौत के मामले में दोस्तों पर हत्या का केस
गोरखनाथ के रहने वाले युवक की मौत के मामले में कोर्ट के आदेश पर गोरखनाथ पुलिस ने उसके दोस्तों के खिलाफ हत्या कर साक्ष्य मिटाने का केस दर्ज किया है। भाई ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाते हुए मुकदमा दर्ज करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें सिर में चोट लगने से मौत होने की बात लिखी गई है।
गोरखनाथ, मिर्जापुर पचपेड़वा निवासी वीरेंद्र यादव ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 10 अगस्त को नकहा का रहने वाला मनोज साहनी उनके घर पहुंचा। उसके साथ गुलरिहा के सेमरा निवासी संदीप चौहान व चरगांवा निवासी सतीश चौहान भी थे। दोपहर में दो बजे यह लोग उनके छोटे भाई संजय यादव को अपने साथ लेकर निकले। शाम तक संजय के न लौटने पर परिवार के लोगों ने खोजबीन शुरू की लेकिन मोबाइल बंद होने से पता नहीं चला। 12 अगस्त को वीरेंद्र का शव खोराबार इलाके में बहरामपुर गांव के अहिरवाती टोला किनारे तुर्रा नाला में मिला। वीरेंद्र का आरोप है कि लेनदेन के विवाद में संजय की हत्या करने के बाद शव तीनों ने तुर्रा नाला में फेंक दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह सिर में चोट लगना बताया गया है। प्रभारी निरीक्षक गोरखनाथ रामाज्ञा सिंह ने बताया कि हत्या कर साक्ष्य मिटाने का केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
संजय के पास थे 80 हजार रुपये
वीरेंद्र का कहना है कि उसका छोट भाई संजय ब्याज पर रुपये देता था। आरोपितों ने उससे रुपये लिए थे। 10 अगस्त को जब वह घर से निकला था उसके पास 80 हजार रुपये थे, जो नहीं मिले। संजय को रुपये न लौटाना पड़े इसलिए आरोपितों ने उसकी हत्या कर दी। खोराबार थाने में उसने तहरीर दी लेकिन थानेदार ने यह कहकर लौटा दिया कि मामला गोरखनाथ क्षेत्र का है। जिसके बाद उसने कोर्ट की शरण ली।