जल्द ही आपको घर बैठे 5 लाख रुपए का फायदा मिलना शुरू हो जाएगा. इसके लिए मोदी सरकार ने प्लानिंग कर ली है. दरअसल, आयुष्मान भारत स्कीम के लिए मोदी सरकार करीब 11 करोड़ ‘फैमिली कार्ड’ छापेगी और उन्हें लोगों तक हाथोंहाथ पहुंचाएगी. सरकार गावों में ‘आयुष्मान पखवाड़ा’ का आयोजन करेगी. जहां इन कार्ड्स की हैंड डिलीवरी दी जाएगी. मतलब यह कि हर घर तक कार्ड पहुंचाने की जिम्मेदारी मोदी सरकार खुद उठाएगी. सरकार दिल्ली में 24X7 कॉल सेंटर भी बनाएगी, जहां इस मेडिकल इंश्योरेंस स्कीम से जुड़ी लोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी और सवालों के जवाब दिए जाएंगे. इसकी जानकारी आयुष्मान भारत- नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (AB-NHPM) ने दी है.
15 अगस्त तक पूरी होगी योजना?
आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रॉटेक्शन स्कीम (AB-NHPM) के सीईओ इंदु भूषण के मुताबिक, ‘सरकार आयुष्मान भारत के लिए सारी तैयारी 15 अगस्त तक पूरी करना चाहती है.’ हालांकि, अभी इसकी लॉन्च डेट तय नहीं है. ‘फैमिली कार्ड’ पर इस स्कीम के पात्र सदस्यों के नाम होंगे. कार्ड के साथ हर व्यक्ति के नाम वाला एक लेटर दिया जाएगा, जिसमें आयुष्मान भारत स्कीम की विशेषताएं बताई जाएंगी.
प्रक्रिया होगी आसान
AB-NHPM के मुताबिक, सरकार ने ग्रामीण इलाकों में 80 पर्सेंट लाभार्थी और शहरी क्षेत्रों से 60 पर्सेंट लाभार्थियों का चयन अब तक इन कार्ड के लिए किया है. फैमिली कार्ड लाभार्थियों की पहचान प्रक्रिया को आसान बनाने का एक जरिया भी होंगे. हालांकि, इसके लिए अन्य डॉक्युमेंट्स की भी जरूरत होगी.
ये होगी पूरी प्रोसेस
नेशनल हेल्थ एजेंसी से लाभार्थियों की सूचना मिलने पर सर्विस प्रोवाइड लेटर्स की प्रिटिंग शुरू करेंगे. प्रिटिंग के बाद एरिया कोड़ के मुताबिक सभी लेटर्स डिस्ट्रिक्ट हेडक्वॉर्टर भेजे जाएंगे. इसके बाद लेटर्स को ग्राम पंचायत भेजा जाएगा. इसके बाद सरकार के आयुष्मान पखवाड़ा कार्यक्रम में हेल्थ वर्कर्स इन लेटर्स को लाभार्थियों के परिवारों को खुद देंगे.
दो साल में पूरा होगा लक्ष्य
AB-NHPM के बिड डॉक्युमेंट के मुताबिक, रोज करीब 5 लाख लेटर जारी करने की रफ्तार से दो साल में 10.74 करोड़ इंफॉर्मेशन लेटर और फैमिली कार्ड छापने और बांटने होंगे. मतलब यह कि इन कार्ड्स को डिलीवरी में दो साल का वक्त लगेगा. पात्र परिवारों तक कार्ड नहीं पहुंचने पर उन्हें योजना से अयोग्य घोषित नहीं किया जाएगा.
23 घंटे का कॉल सेंटर होगा
आयुष्मान स्कीम को लेकर लोगों के सवालों और शिकायतों को दूर करने के लिए मोदी सरकार दिल्ली में एक कॉल सेंटर भी स्थापित करेगी. कॉल सेंटर की मदद से अपने होम टाउन से दूर रहने वालों की मदद की जाएगी. इसके लिए एक टोल फ्री नंबर होगा. कॉल सेंटर ई-मेल और ऑनलाइन चैट का जवाब देने में भी सक्षम होंगे. दोनों ही प्रॉजेक्ट्स के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स का चयन अगले महीने तक कर लिया जाएगा.
अगस्त से शुरू होगी प्रक्रिया
कॉल सेंटर और फैमिली कार्ड्स की प्रिन्टिंग का कॉन्ट्रैक्ट अगस्त से दिए जाएंगे. सर्विस प्रोवाइडर हब एंड स्पोक मॉडल का इस्तेमाल कॉल सेंटर के लिए करेंगे. इसके अलावा देशभर में जोनल कॉल सेंटर भी बनाए जाएंगे. उम्मीद है कि मोदी सरकार की यह योजना अगले कुछ महीनों में अमल में आ जाएगी.