घाटी में खराब हालातों और पत्थरबाजी की तमाम घटनाओं के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. खबर के मुताबिक आतंकी घाटी में हालात खराब करने के लिए पढ़ाई में कमजोर और बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
खुफिया जानकारी के मुताबिक कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन 10वीं और 12वीं की परीक्षा में फेल बच्चों पर खास नजर रख रहे हैं. जनवरी 2017 से अब तक करीब 13 नए कश्मीरी लड़कों को इस ‘यूनाइटेड जेहाद’ में शामिल किया गया है. स्कूली बच्चों को पत्थरबाजी में शामिल कर आतंकी कश्मीर घाटी में हिंसा को नया रूप देना चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सीमा पार कैम्प में बैठे आतंकियों को कश्मीर घाटी में घुसपैठ तेज करने के लिए कहा है. आतंकियों को सेना और सुरक्षा बलों के कैम्प पर हमले तेज करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही आतंकियों के खिलाफ किसी भी ऑपरेशन के वक्त स्कूली छात्रों को पत्थरबाजी में शामिल किया जा रहा है.
खुफिया जानकारी के मुताबिक सेना और सुरक्षा बलों के लगातार हो रहे ऑपरेशन से बौखलाए आतंकियों ने ‘यूनाइटेड जेहाद ‘ का फैसला किया है. जिसमें लश्कर-ए-ताएबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी एक साथ आ गए हैं.
ये ग्रुप एक साथ अपनी खुफिया रणनीति और हथियार साझा कर रहे हैं. 2001 के बाद ये पहली बार है कि ये ग्रुप एक साथ आकर कश्मीर में हालत बिगाड़ना चाह रहे हैं.
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