एक घंटा 19 मिनट तक रहे चंद्र ग्रहण को दुनिया के अलग-अलग देशों के साथ भारत में भी देखा गया। सबसे पहले महाराष्ट्र के चेंबूर में चंद्र ग्रहण नजर आया, तो आखिर में गुजरात के राजकोट इसे देखा गया।
चंद्रग्रहण के चलते बदरीनाथ और केदारनाथ धाम मंदिर शनिवार को शाम चार बजे बंद कर दिए गए। साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी सूतक के चलते चार बजे बंद कर दिए गए। रविवार को ब्रह्ममुहूर्त में शुद्धिकरण के बाद मंदिरों के कपाट खुले।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया, समिति के अंतर्गत आने वाले सभी मंदिरों को शाम चार बजे बंद कर दिया गया। बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी राधा कृष्ण थपलियाल ने कपाट बंद किए।
बदरीनाथ मंदिर में सुबह 11 बजे राजभोग लगाया गया, जिसके बाद साफ-सफाई के लिए मंदिर को दो बजे तक बंद रखा गया। दो बजे मंदिर दर्शनों के लिए खोला गया। दो बजकर 10 मिनट पर सायंकालीन आरती हुई और साढ़े तीन बजे शयन आरती हुई।
केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शिवलिंग ने बताया, शनिवार को सुबह से ही केदारनाथ में भक्तों की भीड़ जुटी रही। दोपहर तक मंदिर में छह हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके थे। एक बजे बाबा केदार को बाल भोग लगाया गया।
इस दौरान एक घंटे मंदिर को बंद रखा गया। गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल व यमुनोत्री मंदिर समिति की पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया सूतक काल समाप्त होने के बाद मंदिर रविवार सुबह चार बजे खोल दिए गए।