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चाचा शिवपाल हो गये पराये, आशीर्वाद मिलने के चौथे दिन पिता-पुत्र का हुआ मिलन

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव नई पार्टी न बनाने के फैसले ने बाप बेटे के रिश्ते में आई कड़वाहट दूर होने लगी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात किया और 5 अक्टूबर को आगरा में होने वाली पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन का न्योता दिया. नेताजी ने जिसे स्वीकार किया और अधिवेशन में शामिल होने की सहमित दी. इस अधिवेशन में सपा के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है.

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा, हम सब के आदर्श और पार्टी को बनाने वाले मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीयअध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज मुलाकात के लिए नेताजी के घर गए और उन्हें राष्ट्रीय अधिवेशन ने शामिल होने का न्यौता दिया. नेताजी ने जिसे बकायदा स्वीकार किया और अधिवेशन में शामिल होने की अपनी स्वकृति राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को दी.

बता दें कि पिछले दिनों मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव के नई पार्टी बनाने के अरमानों पर पानी फेर दिया है. नेताजी को शिवपाल यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में नई पार्टी के ऐलान के लिए जो प्रेस नोट दिया था उसे मुलायम सिंह ने पढ़ा ही नहीं था. इतना ही नहीं उन्होंने नई पार्टी बनाने से भी इंकार कर दिया था. मुलायम सिंह बेटे अखिलेश को आशीर्वाद भी दिया था.

मुलायम के इस रवैए से शिवपाल नाराज होकर साइलेंट मोड में चले गए है. शिवपाल समर्थक मुलायम सिंह के खिलाफ बगावती रुप अख्तियार कर लिया. शिवापल के करीबी माने जाने वाले शारदा प्रसाद शुक्ल से लेकर अमर सिंह तक नेताजी को कोसने में लगे है. अखिलेश यादव ने मौके की नजाकत को समझते हुए पिता से सुलह का रास्ता निकाल लिया है.

पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल ने मुलायम पर अपने बेटे अखिलेश से मिले होने का आरोप लगाया है. इस बीच, अपने सियासी भविष्य के लिये मुलायम की तरफ आशा भरी नजरों से देख रहे शिवपाल पर अब अपनी अलग राह पर चलने की दिशा में सोचने लगे हैं. शिवपाल के करीबियों को कहना है कि दशहरे के बाद नई पार्टी बनाने का ऐलान किया जाएगा. आगामी पांच अक्तूबर को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन पर नजर है.

सुनील साजन ने आजतक को बताया कि नेताजी ने जिस विचारधारा और जिस पार्टी को अपने हाथों से खड़ा किया है उसके खिलाफ कैसे जा सकते थे. नेताजी इस बात को बाखूबी समझते हैं कि कौन लोग समाजवादी विचारधारा और पार्टी को कमजोर करने लगे है. उन्हें भी नेताजी से नई पार्टी न बनाने का फैसला करके साफ संदेश दे दिया है.

साजन ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ऊपर हमेशा नेताजी आशीर्वाद रहा है. यही वजह है कि 23 सितंबर को पार्टी के प्रान्तीय अधिवेशन में अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह का जिक्र करते हुए कहा था कि नेताजी का आशीर्वाद उनके साथ है और वह उनके आंदोलन को ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे.

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