चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति अपने सभी कार्यों को गंभीरता से पूर्ण करता है उसे लक्ष्मी जी आशीर्वाद प्राप्त होता है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद व्यक्ति को धनी बनता है. क्योंकि शास्त्रों में लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी जी को समर्पित है.
लक्ष्मी जी का आशीर्वाद उन्हीं लोगों को मिलता है जो गलत कार्यों से दूर रहकर अपने सभी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाते हैं. लक्ष्मी जी का स्वभाव बहुत ही चंचल माना गया है. यानि लक्ष्मी जी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहती हैं. इसलिए धन आने पर व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए. इसके साथ धन आने पर जो व्यक्ति अपनी मूल स्थिति को भूला देता और अहंकार के साथ दूसरों के साथ पेश आता है, उससे लक्ष्मी जी नाराज होती हैं. ऐसे लोगों के जीवन में वैभव अधिक समय तक नहीं रहता है. धन के मामले में व्यक्ति को बहुत सजग और जागरूक रहना चाहिए. धन का लोभ अवगुणों में वृद्धि करता है.
गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को लोभ और अहंकार से होने वाली हानि के बारे में अवगत कराया था. लोभ सभी प्रकार के दुखों का कारण है. अहंकार करने वाला व्यक्ति एक समय के बाद अलग थलग पड़ जाता है. अहंकार करने वाले व्यक्ति को सम्मान प्राप्त नहीं होता है.
लक्ष्मी जी का मिलता है आशीष
विद्वानों के अनुसार जो व्यक्ति अपने सभी कार्यों को समय पर पूर्ण करता है और अपने कार्य में मानव हितों का ध्यान रखता है. ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी जी अपना आशीर्वाद अवश्य देती है. ऐसे व्यक्ति बाधा और कठिनाइयों से भी नहीं घबराते हैं. हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं.
आत्मविश्वास में न आने दें कमी
किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत ही जरूरी है. आत्मविश्वास की कमी होने पर कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकता है. इसलिए आत्मविश्वास में कभी कमी नहीं आने देना चाहिए. आत्मविश्वास परिश्रम से आता है. ज्ञान और अनुभव इसे बेहतर बनानते हैं.