मानसून से पहले ही चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने लगी है। पीक समय में बदरीनाथ, केदारनाथ में जहां 18 से 20 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे थे, अब ये संख्या सात से दस हजार रह गई है। यात्रा पंजीकरण में भी 50 फीसदी की कमी आई है। बदरीनाथ धाम में पांच से दस जून के बीच हर दिन 18 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे थे, जबकि यात्रा के लिए हर दिन 20 से 22 हजार पंजीकरण केवल बदरीनाथ की यात्रा के लिए हो रहे थे। अब यहां यहां हर दिन सात से दस हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंगलवार को बदरीनाथ धाम में 7210 श्रद्धालु पहुंचे। जबकि अब पंजीकरण भी 12 से 15 हजार के बीच ही हो रहे हैं।
केदारनाथ धाम में यात्रा के शुरूआती दिनों में 20 से 22 हजार तक श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे थे। अब ये संख्या आठ से नौ हजार रह गई है। मंगलवार को यहां 8437 श्रद्धालु दर्शन को पहुंचे। केदारनाथ धाम में जहां पहले 35 हजार तक पंजीकरण हो रहे थे, अब 12 हजार पंजीकरण ही हो रहे हैं। गंगोत्री धाम में भी दर्शन के लिए पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या 12 हजार से घटकर छह हजार तक पहुंच गई है। जबकि पंजीकरण भी 18 हजार से घटकर आठ हजार तक ही हो रहे हैं। यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए पंजीकरण और यात्रियों की संख्या भी आधी से कम रह गई है।
ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या भी गिरी
चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में ऑफलाइन पंजीकरण के लिए अब पहले जैसे मारामारी की स्थिति नहीं है। हरिद्वार में बुधवार को मात्र 410 श्रद्धालुओं ने ही पंजीकरण कराया। ऋषिकेश में 300 श्रद्धालु ही ऑफलाइन पंजीकरण को पहुंचे। जबकि पहले यहां यात्रियों को वापस लौटाया जा रहा था।