मेट्रो रूट के विस्तार को लेकर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल काॅरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) ने पहले से तैयार खाके पर काम शुरू कर दिया है। कानपुर मेट्रो के साथ साथ आगरा, गोरखपुर पर फोकस किया जा रहा है। वहीं लखनऊ में चारबाग से बसंतकुंज के बीच छोटे स्टेशन बनेंगे। इन स्टेशनों पर नार्थ साउथ कॉरिडोर की तरह पार्किंग की व्यवस्था न के बराबर होगी। मेट्रो ने जो डीपीआर तैयार किया गया है, उसमें सरकारी व गैर सरकारी जमीन कम से कम अधिग्रहित करेगा। ऐसे में पार्किंग और खानपान के स्टाॅल न के बराबर होंग। इन स्टेशनों पर कांकोर्स एरिया भी नहीं होगा। इसलिए इस कॉरिडोर का बजट भी कम होगा।
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव कहते हैं कि बेहतर यात्री सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा। पार्किंग, खानपान के स्टॉल पर फोकस है लेकिन जमीन न होने के कारण इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सकेगा। हां अगर किसी स्टेशन के पास कोई स्टैंड होता है, तो उससे यात्रियों को जरूर फायदा मिलेगा। जैसे अमीनाबाद झंडे वाले पार्क के पास, केजीएमयू के आसपास, चौक में पार्किंग की व्यवस्था है। यात्री अपने वाहन उन पार्किंग में खड़ा करके पैदल कुछ चलकर मेट्रो का लाभ ले सकेगा। उन्होंने बताया कि मेट्रो की कनेक्टिविटी आने वाले समय में पूरे शहर में होगी। इसमें समय लग सकता है, लेकिन इसे बहुत लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता। क्योंकि आबादी के अनुपात में बेहतर परिवहन संसाधन तो मुहैया ही कराना होगा। उन्होंने बताया कि शहर में अब जहां भी मेट्रो चलेगी वहां अस्सी मीटर के स्टेशन ही होंगे। इससे फायदा यह होगा कि कम स्थान वाले पुराने लखनऊ के लोगों को मेट्रो का फायदा मिलेगा।
स्टेशन के बाहर होंगे काउंटर
यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव कहते हैं कि अभी एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के बीच जो मेट्रो चल रही है, वहां टिकट काउंटर परिसर के भीतर कांकोर्स एरिया में है। भविष्य में जमीन की कमी के कारण यह व्यवस्था स्टेशन पर प्रवेश करते ही मिलेगी। उन्होंने बताया कि टोकन की व्यवस्था रहेगी, लेकिन फोकस गो स्मार्ट को बढ़ावा देने पर हमेशा रहेगा।