पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को रोजगार सृजन के मुद्दे पर मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार पर नए रोजगार पैदा करने के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया है.
पी. चिदंबरम ने उस बयान पर भी तंज कसा जिसमें पीएम मोदी ने पकौड़े बेचने को भी रोजगार बताया था. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘अगर पकौड़े बेचना भी नौकरी है तो पीएम के इस तर्क के मुताबिक भीख मांगना भी नौकरी है. फिर तो जीवनयापन के लिए गरीब और बेसहारा लोगों को भी नौकरीपेशा माना जाना चाहिए’. 
बता दें पीएम मोदी ने पिछले दिनों एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि अगर कोई किसी दफ्तर के नीचे पकौड़े भी बेचता है तो क्या उसे रोजगार नहीं माना जाए? पीएम मोदी के इस बयान का विपक्ष के नेताओं समेत सोशल मीडिया पर खूब मजाक भी बनाया गया था.
चिदंबरम ने मनरेगा, मुद्रा योजना और सरकार की अन्य योजनाओं को रोजगार के अवसर पैदा करने में विफल बताया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मुद्रा योजना में 43 हजार का लोन लेकर एक व्यक्ति को रोजगार सृजक बनाने का दावा किया गया था लेकिन ऐसा कोई व्यक्ति नहीं दिखता जिसने इतने निवेश में एक भी रोजगार पैदा किया हो.
मनरेगा में रोजगार देने के वादे पर चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि एक केंद्रीय मंत्री चाहते हैं कि मनरेगा मजदूरों को नौकरीपेशा माना जाए, इसके मुताबिक तो वो मजूदर 100 दिन तक नौकरीपेशा हैं जबकि बाकी 265 दिन बेरोजगार.
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि सच्चाई ये कि फिलहाल देश में नौकरियों नहीं हैं, सरकार भी रोजगार के नए अवसर पैदा करने में असफल है.
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