लंबे इंतजार के बाद भारत शुक्रवार को फ्रांस से राफेल फाइटर प्लेन का सौदा कर दिया है। भारत के रक्षा मंत्री और फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान ने सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में ये सौदा बेहद अहम है।
36 राफेल विमान खरीद रहा है भारत
बता दें फ्रांस के रक्षा मंत्री भारत के दौरे पर हैं। फ्रांस से भारत अरबों रुपये के खर्च से 36 राफेल विमान खरीद रहा है। चीन और पाक की चुनौती से निपटने के लिए भारत ये विमान खरीद रहा है, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का सामना करने के लिए भारत को इससे ज्यादा करना होगा।
पीएम ने की थी घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग डेढ़ साल पहले अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान 36 राफेल विमान खरीदने की घोषणा की थी। इस दौरान दोनों देशों ने गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट डील के लिए समझौता भी किया था। राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस की डसाल्ट एविएशन कंपनी बनाती है. 36 विमान सीधे फ्रांस से आएंगे।
क्यों खरीदे जा रहे हैं ये विमान?
भारत अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना चाहता है। इसलिए राफेल विमान खरीदे जा रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें, तो इस सौदे से एयरफोर्स और मजबूत होगी।
एयरफोर्स के पास 1970 और 1980 के पुराने पीढ़ी के विमान हैं। बीते 25-30 सालों के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब भारत राफेल के रूप में ऐसी टेक्नोलॉजी खरीद रहा है।
क्या है राफेल की खासियत?
राफेल का इस्तेमाल फिलहाल सीरिया और इराक में बम गिराने के लिए किया जा रहा है। राफेल 3 हजार 800 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है।
इसकी मदद से एयरफोर्स भारत में रहकर ही पाक और चीन में हमला कर सकती है। राफेल में हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी।
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