जब से अमेरिका ने तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त नीति का एलान किया है, उसके बाद से चीन ने अपनी अफगान नीति के तहत पाकिस्तान और अफगानिस्तान को जोड़ने के लिए मध्यस्थता करने की तैयारी की है.
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उल्लेखनीय है कि चीन की नई अफगानिस्तान नीति को रखते हुए चीनी विदेश मंत्री वांग यी और उनके पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा कि इस्लामाबाद और काबुल को साथ लाने में बीजिंग ‘रचनात्मक भूमिका’ निभाएगा.यह बात आसिफ ने वांग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने कहा के इस्लामाबाद और काबुल को साथ लाने के साथ ही अफगान समस्या के राजनीतिक समाधान करने में चीन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. इसके लिए पाकिस्तान पहले ही कदम उठा चुका है. आसिफ ने कहा काबुल के साथ संबंध सुधारने के प्रयास जारी रखेंगे.
बता दें कि बीजिंग के अपने दौरे से पहले पाक विदेश मंत्री आसिफ ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी से बातचीत की और दोनों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग मुलाकात करने पर सहमति जताई.
जबकि दूसरी ओर वांग ने कहा कि अच्छे संबंध से दोनों देश लाभान्वित होंगे, अन्यथा दोनों को नुकसान होगा. इसलिए उम्मीद हैं कि दोनों देश एक ही दिशा में मिलकर काम करेंगे और क्षेत्र में शांति में योगदान देंगे. अब देखना यह है कि चीन की इन कोशिशों पर अमेरिका क्या प्रतिक्रिया देता है.
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