मालाबार 2024 पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन के साथ अभी भी गतिरोध बरकरार है। इसी बीच भारत में नौसेनाओं का बड़ा जंगी अभ्यास शुरू होने जा रहा है। इससे चीन की टेंशन और बढ़ने वाली है। क्वाड देशों की नौसेनाएं मिलकर इंडो प्रशांत क्षेत्र में चीन की अकड़ ढीली करने के लिए मिलकर युद्धाभ्यास करेगी। इसमें पनडुब्बियां फाइटर जेट और जंगी जहाज हैरतंगेज तरीके से जंगी अभ्यास करेंगे।
चीन से सीमा पर तनाव के बीच एक बार फिर चीन की धड़कनें बढ़ने जा रही हैं। भारत अपने समंदर में क्वाड देशों की नौसेना के साथ बड़ा जंगी अभ्यास करने जा रहा है। इसमें भारत की नौसेना के अलावा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेना के जंगी जहाज भी भारत के समंदर में चीन की टेंशन को बढ़ाने वाले हैं। ये चारों देश ‘क्वाड’ के तहत हिंद महासागर में चीन की हेकड़ी को खत्म करने और उसकी दादागिरी पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बड़े जंगी अभ्यास की मेजबानी भारत कर रहा है।
चीन से सीमा पर चल रही तनातनी के बीच भारत में चार देशों की नौसेनाओं का बड़ा जंगी अभ्यास शुरू होने जा रहा है। 8 अक्टूबर यानी मंगलवार से शुरू होने जा रहा यह मालाबार युद्धाभ्यास 18 अक्टूबर तक जारी रहेगा। भारतीय नौसेना के अनुसार जंगी अभ्यास का आगाज विशाखापत्तनम में बंदरगाह से होगा। इसके बाद समुद्री चरण होगा।’
जंगी अभ्यास का क्या है इतिहास?
मालाबार अभ्यास 1992 में यानी करीब 32 साल पहले शुरू हुआ था। यह अब एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के रूप में विकसित हो चुका है। मालाबार नौसैनिक अभ्यास का उद्देश्य इन देशों के बीच इंडो पैसेफिक रीजन में आपस में गहरा कॉर्डिनेशन, समुद्री चुनौतियों का मिलकर सामना करना है।
भीषण जंगी अभ्यास में क्या होगा खास?
यह जंगी अभ्यास बेहद भीषण होने जा रहा है। इसमें विध्वंसक गाइडेड मिसाइल, खतरनाक जंगी जहाज, पनडुब्बियां, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर युद्ध क्षमता का कौशल दिखाएंगे। नौसेना ने कहा, ‘इस अभ्यास में सहयोग और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। समंदर के अंदर, जमीन और आकाश में युद्ध क्षमताओं पर फोकस करते हुए अभ्यास किया जाएगा।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध जारी
यह बड़ा नौसैनिक जंगी अभ्यास ऐसे समय होने जा रहा है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख पर सीमा को लेकर गतिरोध जारी है। जयशंकर कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि चीन के साथ सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। संबंध पूरी तरह सामान्य नहीं हैं। वहीं चीन का दखल हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी बढ़ने लगा है। इसे काउंटर करने के लिए भारतीय नौसेना क्वाड के देशों के साथ मिलकर चीन को उसकी हैसियत दिखा देगी। चीन की टेंशन क्वाड के देशों को लेकर हमेशा से ही बनी हुई है।
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