चीन में अब कोविड सब वेरिएंट जेएन.1 के सात नए केस सामने आए हैं। JN.1 का पहला मामला संयुक्त राज्य अमेरिका में सितंबर 2023 में पता चला था। फिलहाल इस बात का पता नहीं चल सका है कि कोरोनावायरस का इस वेरिएंट में बाकि वेरिएंट से अलग लक्षण दिखते हैं या नहीं। आमतौर पर COVID-19 के कई वेरिएंट में लगभग एक जैसे ही लक्षण देखे गए हैं।
चीन में कोविड से मची तबाही को अभी ज्यादा समय नहीं बीता है, वहीं इसी बीच अब कोविड सब वेरिएंट जेएन.1 के सात नए केस सामने आए हैं। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि चीन ने कोविड सब वेरिएंट जेएन.1 के सात संक्रमणों का पता लगाया है।
अधिकारियों ने कहा कि जेएन.1 के फैलने का खतरा फिलहाल काफी कम है, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि इसका खतरा आने वाले समय में काफी बढ़ सकता है।
क्या है JN.1?
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक, जेएन.1 वायरस का एक प्रकार जो COVID -19 का कारण बनता है, वेरिएंट BA.2.86 का ही हिस्सा है। सीडीसी के मुताबिक, स्पाइक प्रोटीन में JN.1 और BA.2.86 के बीच सिर्फ एक ही फर्क देखा गया है।
JN.1 का पता कब चला?
JN.1 का पहला मामला संयुक्त राज्य अमेरिका में सितंबर 2023 में पता चला था। 8 दिसंबर तक, संयुक्त राज्य अमेरिका की पब्लिक स्वास्थ्य एजेंसी का अनुमान था कि यह वेरिएंट कुल मामले में से लगभग 15-30% मामलों में पाए गए थे।
सीडीसी के मुताबिक, फिलहाल इस बात का पता नहीं चल सका है कि कोरोना वायरस का इस वेरिएंट में बाकी वेरिएंट से अलग लक्षण दिखते हैं या नहीं। आमतौर पर, COVID-19 के कई वेरिएंट में लगभग एक जैसे ही लक्षण देखे गए हैं।