पाकिस्तान और चीन के बीच यूं तो गहरी दोस्ती मानी जाती है, लेकिन बलूचिस्तान में दो चीनी टीचरों की हत्या से दोनों देशों के रिश्तों में खटास दिख रहा है. इसका अंदाजा कजाकिस्तान की अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में उस वक्त देखने को मिला, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से रस्मी मुलाकात भी नहीं की.सरकार ने किया बड़ा फैसला: 1 जुलाई से पैन और आयकर रिटर्न के लिए आधार है अनिवार्य
नवाज शरीफ SCO सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद वापस लौट गए. शरीफ ने इस सम्मेलन से इतर रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की, लेकिन शी के साथ उनकी मुलाकात नहीं हुई.
चीन की सरकारी मीडिया ने कजाक राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरवायेव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शी की मुलाकात को तो रेखांकित किया, लेकिन शरीफ से मुलाकात का कोई जिक्र नहीं किया. शी की यह अप्रत्याशित झिड़की पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान में दो चीनी नागरिकों के अपहरण और हत्या के बाद सामने आई है.
बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में ये चीनी नागरिक एक स्थानीय शिक्षण केंद्र में उर्दू भाषा की पढ़ाई कर रहे थे, जब पिछले महीने अज्ञात बंदूकधारियों ने उन्हें अगवा कर लिया था, फिर उनकी हत्या कर दी गई. खुद को इस्लामिक स्टेट (IS) कहने वाले आतंकी संगठन ने इन दोनों चीनी नागरिकों की हत्या करने का दावा किया था. इसे लेकर चीनी लोगों में गहरा दुख और गुस्सा है.