ये खबर सुनकर चीन को एक और झटका लगने वाला है. आपको बता दे कि अगले साल वियतनामी फाइटर पायलट्स को ‘सुखोई-30 एमकेआई’ उड़ाने की ट्रेनिंग भारत देगा. पहले से ही भारत वियतनाम की नेवी को किलो-क्लास सबमरीन के ऑपरेशन की ट्रेनिंग दे रहा है। भारत और वियतनाम की बढ़ती नजदीकियों से चीन को मिर्ची लगने वाली है. चीन और वियतनाम के बीच पहले से ही दक्षिण चीन सागर विवाद की वजह तनाव बढ़ा हुआ है. भारत ने सुखोई विमान उड़ाने की ट्रेनिंग वियतनाम को देने की मंजूरी 2013 में दी थी लेकिन करार अब हुआ है ।
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जनरल एन. जुआन लीच 3 दिनों के दौरे पर भारत आये थे इसी दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ मिलकर इस मुद्दे के समझौते पर हस्ताक्षर किये. सितंबर में जब प्रधानमंत्री मोदी वियतनाम दौरे पर गए थे तभी इस समझौते को अंजाम देने की तैयारी खत्म कर दी गयी थी. भारत और वियतनाम चीन को लेकर चिंतित है जिसके कारण ये दोनों देश साथ मिलकर अपनी डिफेंस टेक्नॉलजी और मिलिट्री ट्रेनिंग में सुधार कर रहे है ।
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अगले साल 2017 में वियतनाम के रक्षा सचिव भारत में आने वाले है, और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने वाले है. इस मुलाकात में वियतनाम के रक्षा सचिव कुछ प्रोजेक्ट और उपकरणों की पहचान करने वाले है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम को 50 करोड़ डॉलर के सैन्य मदद देने का ऐलान किया था. इतना ही नहीं भारत ने वियतनाम को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने का भी वादा किया है. भारत ने वियतनाम को ऐंटी-सबमरीन टॉरपिडो वरुणास्त्र और दूसरे मिलिट्री हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के निर्यात का भी प्रस्ताव दिया हुआ है. चीन के तो होश उड़ने वाले है. ये खबर चीन को 440 वाल्ट का झटका देने वाली है ।