चीन साइबर तरीकों से इंडियन कंपनियों को निशाना बना चुका है। गुरुवार को साइबर खतरे की खुफिया सूचना देने वाली कंपनी ने कहा कि चीन के साइबर सिपाहियों की एक इकाई ने इंडिया की टेलीकॉम कंपनियों, गवर्नमेंट एजेंसियों और कई डिफेंस कॉन्ट्रेक्टर्स को अपना शिकार बना लिया है। जिसके पूर्व भी खबर आई थी कि चीन भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में साइबर हमले कर दिया है। जंहा इस बात का पता चला है कि यह नया अभियान सैन्य सूचना जुटाने के लिए किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, रिकॉर्डेड फ्यूचर नाम की कंपनी के Insikt Group ने पाया है कि संदिग्ध चीनी समूह 2020 और 2021 में कई इंडियन संस्थानों को अपना अहम् केंद्र बना रहा है। इस समूह का नाम RedFoxtrot कहा जा रहा है। इससे पहले कंपनी ने सूचना दी थी कि चीन ऊर्जा क्षेत्र में भारत के अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर और पोर्ट क्षेत्र को निशाना बना रहा है। उस वक़्त समूह की पहचान RedEcho के रूप में हुई थी। इस कंपनी का मुख्यालय अमेरिका में है।
रिकॉर्डेड फ्यूचर के Insikt Group के एक व्यक्ति ने मीडिया से कहा, ‘खासतौर से भारत में हमने एक समूह की पहचान की है, जो पिछले 6 माह में सफलतापूर्वक दो टेलीकॉम संस्थाओं, तीन डिफेंस कॉन्ट्रेक्टर्स और कई अतिरिक्त गवर्नमेंट और निजी क्षेत्र की संस्थाओं को निशाना बना चुके है।’ Insikt के प्रतिनिधि ने मीडिया को बताया, ‘विशेष रूप से, ये गतिविधियां उस समय हुईं, जब भारत और चीन के मध्य बहुत तनाव था।’ जंहा इस बारें में कहा गया है कि प्रभावित कंपनियों को इसकी जानकारी दे दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक ब्लॉग पोस्ट में रिकॉर्डेड फ्यूचर ने कहा है कि ये प्राप्तियां नेटवर्क ट्रैफिक, हमलावरों की तरफ से इस्तेमाल किए गए मेलवेयर के फुटप्रिंट्स, डोमेन रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड्स और डेटा ट्रांसमिटिंग के विश्लेषण पर आधारित थीं। रिपोर्ट में कंपनी के प्रतिनिधि के हवाले से कहा गया है, ‘हम मानते हैं कि इस क्षेत्र के संस्थानों को निरंतर लक्ष्य बनाने के आधार पर RedFoxtrot सैन्य और सुरक्षा जानकारी प्राप्त करने के लिए साइबर जासूसी ऑपरेशन चला रहा है।’
रिपोर्ट के मुताबिक, रिकॉर्डेड फ्यूचर के एनालिसिस में पता चला है कि RedFoxtrot के तार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की यूनिट 69010 में शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार इसके हेडक्वार्टर्स शिनजियां के उरुमकी में हो सकते हैं। मार्च 2021 में भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (Cert-IN) ने बोला था कि उन्हें संकेत मिले हैं कि चीन से जुड़े साइबर के लोग भारतीय परिवहन क्षेत्र के खिलाफ जासूसी अभियान शुरू कर दिया गया है।
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