चीन ने कहा है कि भारतीय दवाओं पर आयात कर घटाने और इन दवाओं का आयात बढ़ाने के लिए उसने भारत सरकार से एक समझौता कर लिया है. चीन खासतौर से कैंसर रोधी दवाएं भारत से आयात करेगा.
चीन के इस कदम से भारत के साथ कारोबारी रिश्ते बेहतर होंगे. यह ऐसे दौर में महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जब अमेरिका के साथ उसके कारोबारी रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं और दुनिया में ट्रेड वार तक की बात होने लगी है.
गौरतलब है कि एशिया पैसिफिक ट्रेड एग्रीमेंट (APTA) के तहत चौथे दौर की वार्ता के बाद भारत और चीन दोनों ने 1 जुलाई से कई उत्पादों पर आयात कर घटा दिए हैं. APTA में बांग्लादेश, लाओस, दक्षिण कोरिया और श्रीलंका भी शामिल हैं. चीन ने कहा कि वह भारत से आयातित 8,549 वस्तुओं पर आयात कर घटाएगा, जिनमें रासायनिक और कृषि उत्पाद भी शामिल होंगे. इसके बदले भारत भी चीन से आयातित 3,142 उत्पादों पर आयात कर घटाएगा.
भारत का खासकर इस बात के लिए दबाव था कि चीन भारतीय दवाओं के लिए अपने बाजार खोले, जिसके बारे में पीएम मोदी ने 28 अप्रैल को वुहान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान बात की थी. इसके साथ ही भारतीय चावल और चीनी के लिए भी बाजार खोलने की बात की गई थी, ताकि दोनों देशों के बीच बने व्यापारिक असंतुलन को दूर किया जा सके.
चीन में भारत के कैंसर रोधी दवाओं की जबर्दस्त मांग
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि दवाओं के आयात पर कर घटाने के लिए समझौता हो चुका है. गौरतलब है कि चीन में भारत के कैंसर रोधी दवाओं की काफी मांग है. भारत की कैंसर रोधी दवाओं की कीमत आमतौर पर चीन में उपलब्ध पश्चिमी देशों की दवाओं की तुलना में महज 10 फीसदी ही होती है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चिनयिंग ने कहा, ‘हमारा मानना है कि कैंसर रोधी दवाओं का आयात बढ़ाना और उन पर टैरिफ घटाना भारत और आसपास के अन्य देशों के लिए अच्छा अवसर साबित होगा. दवाओं पर टैरिफ घटाने के लिए चीन और भारत ने समझौता किया है.’ हालांकि उन्होंने इस समझौते के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी.
गौरतलब है कि कैंसर की दवाओं की महंगी कीमत पर बनी एक फिल्म को चीन में जबर्दस्त सफलता मिली है. गुरुवार को रिलीज फिल्म ‘डाइंग टु सरवाइव’ ने अब तक चीनी बॉक्स ऑफिस पर ही 1500 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है.
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