देश के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि यदि भारत को निवेश आकर्षित करना है तो इसे अच्छी संस्थागत मध्यस्थता प्रणाली विकसित करनी होगी। मिश्रा ने कहा कि इसके साथ ही अदालतों के हस्तक्षेप में कमी व मध्यस्थता के अधिक क्रियान्वयन की जरूरत है।
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जस्टिस मिश्रा ने कहा कि देश को बिना अपनी तर्कसंगत स्वायत्तता छोड़े तालमेल बिठाने की जरूरत है। यह बदलाव देश के हितों को ध्यान में रखते हुए संस्थागत मध्यस्थता की ओर होना चाहिए। चीफ जस्टिस ‘वैश्वीकरण के दौर में मध्यस्थता पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अभी इसकी जरूरत है और इसके उद्देश्य भी है।
जब आप जटिल अर्थव्यवस्था संभाल रहे होते हैं। विवादों का संरचनात्मक तरीके से हल निकाला जाना आवश्यक होता है। उन्होंने कहा कि यह कानूनी मुद्दे से इतर निवेश से भी संबंधित मामला है। देश को विदेशी निवेशकों के बीच इस बात का भरोसा कायम करना होगा कि यहां काफी अच्छी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था है।