नई दिल्ली: हाल में ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप के बाद अब चुनाव आयोग ने खुली चुनौती दी है। आयोग ने ईवीएम की पुख्ता सुरक्षा का दावा करते हुए कहा है कि मई के पहले हफ्ते में कोई भी इन मशीनों को हैक करके दिखाए।
चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मई के पहले हफ्ते से राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और तकनीकी जानकार एक हफ्ते या 10 दिन के लिए आकर मशीनों को हैक करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनौती 10 दिन के लिए रहेगी और इसमें विभिन्न स्तर होंगे। गौरतलब है कि सबसे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी। मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं। बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस और आप ईवीएम से छेड़छाड़ के मुद्दे को उठाती रही है।
केजरीवाल ने कहा था हम हैक करके दिखाएंगे
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि आयोग अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दे तो वे साबित कर देंगे छेड़छाड़ होती है। उनका दावा है कि मशीन तैयार करते वक्त जब प्रोग्रामिंग की जाती हैए उसी वक्त डाटा में गड़बड़ी की जा सकती है। 2009 को चुनाव आयोग ने ईवीएम को हैक करने की चुनौती दी थी लेकिन कोई इसे साबित नहीं कर सका था। वहीं बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के समक्ष ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया था।