नई दिल्ली: ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठे सवाल के बीच चुनाव आयोग ने पुनर्मतगणना के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है। इससे पहले आयोग भविष्य के सारे चुनाव वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल वीवीपीएटी से कराने का फैसला ले चुका है।

अभी मतगणना के दौरान किसी उम्मीदवार के एजेंट द्वारा वीवीपीएटी की पर्ची की गिनती की मांग करने पर ही पर्ची की गिनती की जाती है। लेकिन नियम में बदलाव के तहत आगे से सभी वीवीपीएटी और ईवीएम के मतों की गिनती का मिलान किया जाएगा। मौजूदा नियम के मुताबिक वीवीपीएटी की सभी पर्चियों को गिना नहीं जाता।
कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम 56 डी के तहत उम्मीदवार के एजेंट की मांग पर ही रिटर्निंग अधिकारी वीवीपीएटी पर्ची की गिनती करता है। शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में चुनाव आयोग से इन नियमों को बदलने की मांग की गई थी। लिहाजा चुनाव आयोग नए नियम के तहत अब वीवीपीएटी की पर्ची को ईवीएम के मतों से मिलान करेगा।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। चुनाव नतीजों की सत्यता साबित करने के लिए ईवीएम की गिनती के अलावा वीवीपीएटी की कागज पर्ची भी सबूत के तौर पर होगी। शुक्रवार को हुई बैठक में ज्यादातर दलों ने वीवीपीएटी मशीन पर जोर दिया था।
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