उत्तराखंड में नए साल पर विधानसभा में चुनाव का आगाज होना है। जिसकी वजह से नैनीताल हाईकोर्ट ने नेताओं पर शिकंजा कसा है। वो जनता में शराब बांटकर चुनाव जीतते हैं। कोर्ट ने कहा है कि इस बार राज्य में विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान शराब न पिलाने का शपथ पत्र भरना होगा।
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कोर्ट ने निर्देश दिया है कि उम्मीदवार इसका उल्लंघन करेगा उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश जारी किया है।
गौरतलब है कि देहरादून के रहने वाले रवींद्र जुगरान चुनाव के दौरान शराब के इस्तेमाल रोकने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि उन्होंने चुनाव़़ के दौरान उत्तराखंड में पूर्ण शराबबंदी लागू होना चाहिए।
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इसके लिए जुगरान ने राष्ट्रपति, मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत सरकार, उत्तराखंड के राज्यपाल और उत्तराखंड चुनाव़़ आयुक्त को चिट्ठी लिखे हैं। इस पत्र में यह लिखा गया है कि प्रदेश में चुनाव़़ लड़ने वाले हर उम्मीदवार से नामांकन के दौरान ही घोषणापत्र भरवाया जाए। इसके साथ ही उनसे शराब नहीं बांटने का शपथ पत्र भी भरवाया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि शुक्रवार को नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने जुगरान की जनहित याचिका पर सुनवाई की। खंडपीठ ने याचिका में उठाए गए सभी बिंदुओं को स्वीकार करते हुए चुनाव़़ आयोग को नियमानुसार कार्रवाई के लिए कहा है।