टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि पिछले कुछ समय में टीम इंडिया का मध्यक्रम मजबूत हुआ है। खासकर टीम के निचले मध्यक्रम में मजबूती आई है। इस कारण पूर्व कप्तान धोनी पर मैच को फिनिश करने का दबाव कम हुआ है। विराट ने कहा, उन्हें ऐसा महसूस होता है कि पिछले कुछ बरसों में धोनी पर काफी दबाव आ रहा था। इस वजह से वह अपना स्वाभाविक खेल नहीं दिखा पाते थे क्योंकि उनके साथ फिनिश करने के लिए दूसरे छोर से ज्यादा मदद नहीं मिलती थी लेकिन केदार जाधव और हार्दिक पांड्या के अच्छा प्रदर्शन करने से टीम मजबूत हुई है।यह भी पढ़े: आज करेंगे पीएम मोदी देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन, इन्होने की थी शुरुआत…
पिछली कुछ सीरीज में पांड्या और जाधव ने अंतिम समय में शानदार बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को परेशानियों से बाहर निकाला है। पांड्या ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में धर्मशाला में खेले गए मैच में अपने वनडे करियर का आगाज किया था। पहले ही मैच में बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन की वजह से पहले मैच में ही उन्हें मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया था। इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में भी पांड्या का बल्ला जमकर चला तीन मैचों में पांड्या ने नाबाद 40, नाबाद 19 और 56 रन की पारी खेली। पहले मैच में पांड्या टीम को 40 रन बनाकर जीत तक ले गए। तीसरे मैच में भी उन्होंने 43 गेंद में 56 रन की शानदार पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत के ले गए अंत में टीम इंडिया को 5 रन से हार मिली लेकिन कप्तान का विश्वास उनके ऊपर बढ़ गया।
वहीं दूसरी तरफ केदार जाधव का बल्ला भी पिछले कुछ समय से आग बरस रहा है। इंग्लैंड के खिलाफ जनवरी में खेली गई वनडे सीरीज में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए जाधव ने जाधव ने 3 मैच में 120, 22 और 90 रन की पारियां खेली थीं। जाधव को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया था। धोनी जाधव से पहले बल्लेबाजी के लिए आए। ऐसे में धोनी के दिमाग में यह बात निश्चित तौर पर थी कि उनके बाद एक ऐसा बल्लेबाज है जो मैच खत्म कर सकता है और धोनी भी खुलकर बल्लेबाजी कर सके।
जब से ये दोनों बल्लेबाज टीम में आए हैं और धोनी बल्लेबाजी में थोड़ा ऊपर आने लगे हैं तब से धोनी ने 7 मैच में 48 की औसत से 336 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक और एक अर्धशतक निकला है। चार साल बाद धोनी वनडे क्रिकेट में में शतक लगाने में कामयाब हुए। यह उनके ऊपर से कप्तानी का दबाव खत्म होने और फिनिशर की भूमिका से इतर मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने के कारण हुआ है। इससे टीम इंडिया को फायदा हुआ है।
ऐसे में कप्तान विराट कोहली को आशा है कि धोनी और युवराज मध्यक्रम में बल्लेबाजी की जिम्मेदारी निभाएंगे और टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जिताने में अहम भूमिका अदा करेंगे।