भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा कर प्रदेश की सत्ता हासिल करने वाली भाजपा सरकार दवा व चिकित्सा उपकरण की खरीद के लिए एक कॉरपोरेशन बनाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) से दवा खरीदने का अधिकार वापस लिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को विभागीय समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिया। कहा कि वर्तमान नीति से दवा की खरीद न की जाए।
अभी-अभी: योगी को लेकर मुस्लिम लड़कियों ने दिया ये बड़ा बयानमंत्री ने कहा कि सीएमओ का मुख्य कार्य अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करना है। दवा-उपकरण खरीद में सीएमओ के शामिल होने से मूल कार्य प्रभावित होता है। सिंह ने कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतरी के लिए केंद्र सरकार की पूरी मदद ली जाएगी। वह सात अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मिलकर उन्हें राज्य की आवश्यकताओं की जानकारी देंगे।मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को अरुण सिन्हा को दवा खरीद में पारदर्शिता के लिए एक कॉरपोरेशन गठित करने का निर्देश दिया है। मंडल मुख्यालय पर एमआरआइ की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा है। दवा खरीद की वर्तमान व्यवस्था पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। कहा कि वर्तमान में दवा व चिकित्सीय उपकरणों की खरीद में विलंब हो रहा है, जिससे मरीजों को दुश्वारी होती है। इस व्यवस्था में सुधार किया जाए अन्यथा संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
मंत्री ने मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू करने और उसके लिए चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। कहा कि कैंप लगाकर नागरिकों को आवश्यक दवाएं एवं जांच की सुविधा मौके पर मुहैया कराई जाए। लखीमपुर एवं सीतापुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिफ्सा द्वारा संचिलत की जाने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा के प्रेजेंटेशन देखा। मरीजों के लिए हेल्थ कार्ड बनाने की योजना दी है।शहरी क्षेत्र की मलिन बस्तियों में संचालित क्लीनिकों से सुचारू संचालन के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी हेकाली ङिामोमी, एनएचएम के निदेशक आलोक कुमार भी मौजूद थे। अपर मुख्य सचिव अरुण सिन्हा ने बताया कि मंत्री ने दवा खरीद के लिए कॉरपोरेशन गठित करने का निर्देश दिया है। इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बताया कि मौजूदा समय में राजस्थान व ओडिशा में कॉरपोरेशन के जरिये दवा खरीदी जाती है।