अक्सर देखा जाता है कि छोटे बच्चों को काला टीका लगाया जाता है। टीका लगाने के बारे में जानकारों का कहना है कि टीका बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए लगाया जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि पूजा-पाठ में कभी भी काले रंग के कपड़ों या किसी तरह की काली वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। क्योंकि काले रंग को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। बच्चे पर किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा अर्थात किसी तरह की बुरी नजर न लगे, इसलिए काला टीका या काला धागा बंधा जाता है।
बच्चों का काला टीका लगाने के कुछ वैज्ञानिक कारण भी बताए जाते हैं। कहा जाता है कि काली वस्तु हर प्रकार का विकिरण अवशोषित करने की क्षमता रखती है। काला टीका लगाने की वजह से बच्चों के शरीर पर पड़ने वाले विकिरण के प्रभाव की संभावना खत्म हो जाती है। यही वजह है कि बच्चों को काला टीका लगाया जाता है। वहीं काला रंग बच्चे को देखने वाली की एकाग्रता को भी भंग कर देता है।
यही कारण है कि नई कार या नए घर को नजर से बचाने के लिए काले रंग की इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल में कई वैज्ञानिक कारण हैं तो वहीं धार्मिक कारण भी हैं।
छोटे बच्चों का बुरी नजर से बचने के और भी कई उपाय बताए जाते हैं। जानकारों का कहना है कि छोटे बच्चे देखने में बहुत सुंदर होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें नजर लग जाती है और नजर लगने की वजह से अचानक बुखार आ जाता है, जिसकी वजह से बच्चा खाना-पीना बंद कर देता है। ज्योतिषियों का कहना है कि बच्चों को नजर लगने से बचाने के लिए काले टीका और काले धागे के अलावा और भी कई उपाय अपनाए जाते हैं।
जैसे कि अगर छोटे बच्चे को नजर लग जाती है तो बच्चे का बचा हुआ खाना किसी कुत्ते को खिला दें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे को नजर नहीं लगेगी।