जयपुर: छत्तीसगढ़ के घने जंगलों वाले पायलीखंड की हीरा खदानों से सरकारी एजेंसियां भले ही अब तक एक टुकड़ा भी नहीं निकाल पाई हैं, लेकिन अवैध खुदाई करने वाले यहां बेरोक-टोक खुदाई कर रहे हैं।
बता दें कि यहां अब तक खदान से निकाले गए हीरे के 105 टुकड़ों को पुलिस ने पिछले 8 महीने में तस्करों से बरामद किए हैं। पत्रकारों ने घने जंगलों में हीरा खदानों का जायजा लिया। यहां कोई भी, कहीं भी खुदाई करे और हीरे निकाले, कोई रोकनेवाला नहीं है।
सालों से खुली पड़ी है ये खदान
रायपुर से करीब 80 किमी पर गरियाबंद, वहां से 45 किमी दूर मैनपुर और फिर घने जंगलों में 38 किमी दूर पायलीखंड है। इस गांव से पहले इंद्रावती नदी गुजरती है। उससे पहले जांगड़ा गांव है। फाइलों में यह पूरा इलाका हीरे के किंबरलाइट पाइप्स की वजह से बेहद सुरक्षित है, वहां आने-जाने पर रोक लगी हुई है।
सालों से खुली पड़ी है ये खदान
1999 में पायलीखंड हीरा खदान को कांटेदार तारों से घेरा गया था। वहां बीएसएफ के जवान तैनात किए गए, लेकिन एक साल में ही उन्हें हटा लिया गया। तब से यह खदान खुली हुई है। अभी बारिश के कारण खदान झाड़ियों से ढंक गई है, लेकिन जैसे ही भीतर जाएंगे, गड्ढे साफ नजर आने लगेंगे। ये गड्ढे इस बात के सबूत हैं कि इस हीरा खदान में अवैध खुदाई धड़ल्ले से चल रही है। खदान से ठीक पहले एक बड़ा गेट है। यह टूट चुका है।
एक दशक पहले हीरा खदान की सिक्युरिटी के लिए 40 एकड़ जमीन फैंसिंग से घेरी थी, इसके तार गायब हैं, सिर्फ खंभे ही बच गए हैं। भीतर की पूरी जमीन हर 10वें फीट पर खुदी हुई नजर आ रही है। कई गड्ढे तो इतने बड़े हैं कि जैसे वहां से कई ट्रक मिट्टी निकाल ली गई हो। हीरा खदान में 5 से 50 फीट तक गुफाओं की तरह खुदाई की जा रही है। तेज बारिश में ये गुफाएं धंसती हैं। इसलिए वहां बड़े-बड़े गड्ढे नजर आ रहे हैं।