10 रुपए के सिक्के अब जनता के लिए सिरदर्द बनता जा रहे हैं। कहीं आपके साथ भी तो ऐसा नहीं हो रहा… 
क्या आपने भी कराया है कोई बीमा, तो जरुरु पढ़ें ये खबर, नहीं तो झेलनी पड़ सकती है ये बड़ी परेशानी
रुड़की में दस रुपये के सिक्के विवादों का कारण बनते जा रहे हैं। कई संस्थानों के संचालक नकली सिक्कों का हवाला देकर इन्हें लेने से इनकार कर रहे हैं। जिसके चलते संस्थान मालिक और ग्राहकों में टकराव की स्थिति बन रही है। बैंक अधिकारी भारतीय मुद्रा का बहिष्कार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दे रहे हैं।
शनिवार को एक ग्राहक दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग स्थित एक पेट्रोल पंप पर तेल डलवाने पहुंचा। ग्राहक ने पंप संचालक को दस-दस के दो सिक्के तेल डलवाने के बाद दिए, लेकिन पंप संचालक ने बाजार में नकली सिक्कों के प्रचलन का हवाला देते हुए सिक्के लेने से इनकार कर दिया।
पहले तो कुछ देर ग्राहक, संचालक से सिक्के लेने का आग्रह करता रहा, लेकिन कुछ देर बाद ग्राहक का पारा चढ़ गया और वह दस-दस के सिक्के लेने पर अड़ गया। ग्राहक का कहना है कि संचालक उसके सिक्कों को नकली साबित करें।
यदि सिक्के नकली नहीं है तो वह भारतीय मुद्रा का बहिष्कार नहीं कर सकता। दूसरी ओर पंप संचालक भी सिक्के न लेने पर अड़ा रहा। देखते ही देखते पंप पर लोगों का जमावड़ा लग गया।
कोई भी व्यक्ति भारतीय मुद्रा का बहिष्कार नहीं कर सकता। यदि किसी संस्थान द्वारा भारतीय मुद्रा का बहिष्कार किया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति नकली सिक्के चलाता मिलता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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