नोटबंदी के बाद पुराने नोटों की शक्ल में काला धन खपाने के लिए शहर के कई लोगों ने गरीबों के खातों का उपयोग किया। इंदौर परिक्षेत्र में 500 जनधन खातों में अब तक सौ करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हो चुके हैं।

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आयकर विभाग ने इन खातों के अलावा क्षेत्र के 768 बैंक खातों की भी जांच शुरू कर दी है। सभी खातों में मोटी धनराशि जमा होने की सूचना बैंकों ने विभाग को भेजी है।
मुख्य आयकर आयुक्त वीके माथुर के मुताबिक जांच के दायरे में आए 768 बैंक खाते वे हैं, जिनमें नोटबंदी के बाद 10 लाख या उससे ज्यादा राशि जमा हुई। इनमें से 350 खातों में तो एक करोड़ से ज्यादा के पुराने नोट जमा हुए हैं।
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आयकर को अब तक हुई जांच में इंदौर क्षेत्र के सहकारी बैंकों के जरिए हुई गड़बड़ी के तथ्य भी मिले हैं। विभाग ने इंदौर और आसपास के 60 सहकारी बैंकों को नोटिस जारी कर पूछताछ शुरू कर दी है। इन बैंकों के कुल 150 खातों में हुए लेन-देन को आयकर ने संदिग्ध माना है। ये 150 मामले 768 खातों से अलग हैं।
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